पटना: बिहार में सीबीआई को लेकर आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने सोमवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि बिहार में सीबीआई की डायरेक्ट एंट्री पर रोक लगाई जाए. अगर सीबीआई को छापेमारी, जांच करनी हो तो पहले बिहार सरकार से अनुमति ले. कहा कि बिहार सरकार की तरफ से जो कंसेंट दिया हुआ है कि सीबीआई बिहार में बिना राज्य सरकार के अनुमति के जांच शुरू कर सकती है उस कंसेंट को वापस ले. मैं आरजेडी का सीनियर पॉलिटिकल वर्कर हूं. महागठबंधन के अन्य दल भी यह चाहते हैं.

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शिवानंद तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधियों को परेशान कर रही है. बंगाल, राजस्थान समेत नौ राज्य अब तक सीबीआई को बैन कर चुके हैं. इन राज्यों में सीबीआई को जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. दिल्ली स्पेशल पुलिस एक्ट 1946 का गठन हुआ था. इस एक्ट के मुताबिक सीबीआई को राज्य सरकारें अपने क्षेत्र में कार्यवाही के लिए अनुमति देती है. सभी राज्यों ने इसके लिए पहले सहमति दे रखी थी, लेकिन धीरे धीरे जब सीबीआई पर आरोप लगने शुरू हुए तो कई राज्यों ने अपनी मंजूरी वापस ले ली.

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वहीं दूसरी ओर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस पर महागठबंधन की कोई बैठक नहीं हुई है जिसमें चर्चा हुई हो कि सीबीआई पर रोक लगाई जाए. आरजेडी कोटे के मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि सीबीआई की डायरेक्ट एंट्री नहीं होगी. छापेमारी, जांच के लिए बिहार सरकार से अनुमति लेनी होगी. अभी ऐसा कोई निर्णय बिहार सरकार मेरी जानकारी में नहीं लेने जा रही. कोई निर्णय सरकार लेगी तो सबको पता चल जाएगा, लेकिन अभी ऐसा नहीं होगा. शिवानंद तिवारी की मांग पर कहा कि वह संगठन से जुड़े हैं. अपनी राय रख रहे हैं ताकि सीबीआई का दुरुपयोग नहीं हो सके.

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