Bihar Politics: जीतन राम मांझी बड़ी की मांग- धार्मिक जुलूस पर लगा दी जाए रोक, इससे देश की एकता को खतरा
हम नेता ने ट्वीट कर लिखा, " अब वक्त आ गया है जब देश में हर तरह के धार्मिक जुलूस पर रोक लगा दी जाए. धार्मिक जुलूसों के कारण देश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है. इसे तुरंत रोकना होगा."

पटना: भगवान राम के संबंध में विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने फिर एक बाद विवादित बयान दिया है. उन्होंने देश भर के अलग-अलग हिस्सों में धार्मिक जुलूसों के दौरान या उसके कारण होने वाली सांप्रदायिक घटनाओं का अंत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से बड़ी मांग की है. उन्होंने रविवार की शाम ट्वीट कर ये मांग की है कि देश में सभी तरह के धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
देश की एकता और अखंडता को खतरा
हम नेता ने ट्वीट कर लिखा, " अब वक्त आ गया है जब देश में हर तरह के धार्मिक जुलूस पर रोक लगा दी जाए. धार्मिक जुलूसों के कारण देश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है. इसे तुरंत रोकना होगा." बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बीते 16 अप्रैल को अचानक हिंसा भड़क गई थी. यहां हनुमान जयंती के मौके पर निकाली जा रही शोभायात्रा पर कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद माहौल बिगड़ गया था. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
अब वक्त आ गया है जब देश में हर तरह के धार्मिक जूलूस पर रोक लगा दी जाए।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) April 17, 2022
धार्मिक जूलूसों के कारण देश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है।
इसे तुरंत रोकना होगा।@narendramodi @NitishKumar @AmitShah
इधर, रामनवमी के अवसर पर बिहार के मुजफ्फरपुर में बदमाशों ने मस्जिद पर भगवा झंडा फहरा दिया था, जिस कारण काफी बवाल हुआ थे. माना जा सकता है कि इन घटनाओं को देखते हुए ही मांझी ने सरकार से ये मांग की है. मालूम हो कि बीते दिनों मांझी ने अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान राम को भगवान मानने से इंकार कर दिया था.
उन्होंने कहा था, " मैं राम को भगवान नहीं मानता. वे केवल गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि की रचना के एक पात्र थे. ऐसे में उन्हें (गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि) तो मानता हूं, लेकिन राम को नहीं मानता." उनके इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई थी.
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Source: IOCL





















