पटना में बुधवार (24 सितंबर, 2025) को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. इस बैठक को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महत्वपूर्ण बताया. इस मौके पर खरगे ने कहा कि बिहार राज्य का शासन और प्रशासन लंबे समय से छुट्टी पर है. हर दिन लूट-पाट और हत्या की घटनाएं होती हैं. अपराध दर में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है.
खरगे ने कहा, "मैं चाहता हूं आज यहां से बिहार के पुनर्निर्माण का बिगुल फूंका जाए. कांग्रेस पार्टी अपने गठबंधन दलों के साथ मिलकर बिहार के लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और सुशासन मुहैया कराएगी. बिहार की जनता लंबे समय से 'स्वर्णिम बिहार' का सपना देख रही है और हम सब मिलकर इसे साकार करेंगे."
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बिहार ने अपने ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक योगदान के माध्यम से भारतीय लोकतंत्र को मजबूत किया. यहां की जनता ने हमेशा सामाजिक न्याय और जन आंदोलन को बढ़ावा दिया. दलित, आदिवासी, पिछड़े- अति पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के उत्थान के लिए संघर्ष किया.
'स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त… दवाओं की भारी किल्लत'
कांग्रेस नेता ने बिहार सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है और अस्पतालों में दवाओं की भारी किल्लत है. एक साधारण बिहारवासी का बीमारी की स्थिति में या तो प्राइवेट अस्पतालों द्वारा शोषण किया जाता है, या वो इलाज कराने बिहार से बाहर जाने को मजबूर होता है.
'बिहार के किसानों की हालत देश में सबसे खराब'
खरगे ने कहा कि बीजेपी ने जनवरी 2024 में नीतीश कुमार को फिर से समर्थन देकर बिहार में एनडीए सरकार बनाई. नीतीश सरकार ने विकास का वादा किया, लेकिन बिहार की अर्थव्यवस्था पिछड़ रही है. "डबल इंजन" का दावा खोखला साबित हुआ, केंद्र से कोई विशेष पैकेज नहीं मिला. बिहार में बेरोजगारी दर 15% से ऊपर है. हर साल लाखों युवा पलायन करते हैं. भर्ती घोटाले की वजह से युवा सड़कों पर आंदोलन करके पुलिस की लाठी खाते हैं. बिहार के किसानों की हालत शायद देश में सबसे खराब है. बाढ़ के कारण हर साल लाखों लोग कोसी और गंडक नदियों से नुकसान उठाते हैं. यह इस बात का सबूत है कि बाढ़ प्रबंधन में सरकार पूरी तरह विफल रही है.