गया: बोधगया के महाबोधि मंदिर के बोधि बृक्ष के नीचे विश्व से कोरोना की मुक्ति के लिए  और विश्वशांति के लिए 32वें निगमा मोनलम चेन्मो पूजा का आयोजन किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते पहली बार 10हजार की जगह 100 बौद्ध भिक्षुओं के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए यह पूजा की जा रही है.



बताते चलें कि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के द्वारा हर साल वार्षिक पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमे विभिन्न देशों के बौद्ध श्रद्धालु शामिल होते है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते अंतराष्ट्रीय उड़ान सेवा नही शुरू किये जाने की स्थिति में 100 बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा यह पूजा की जा रही है.



इस दौरान पूजा स्थल पर आकर्षक फूलो से सजाया गया है. सैकड़ो तोरमा को फूलो से सजाया गया है. बोधिवृक्ष की छावं में पूजा स्थल के समीप निगमा पंथ के संस्थापक पेनोर रिनपोछे की तस्वीर रखी गई है. सोशल डिस्टेंस, मास्क के सातग पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ विश्वशांति व कोरोना से मुक्ति की कामना के साथ विशेष पूजा की जा रही है.



बोधगया मन्दिर प्रबन्धकारिणी समिति के सचिव नंजे दोरजे ने बताया कि कोरोना के कारण इस वर्ष महाबोधि मंदिर में आयोजित होने वाली कई पूजा रदद् करदी गई है.हर साल विभिन्न देशों के बौद्ध श्रद्धालु यहां आकर अपने वार्षिक पूजा को सम्पादित करते थे लेकिन कोरोना की वजह से कई वार्षिक पूजा को रद्द किया गया है.



बोधगया के विभिन्न बौद्ध मठों के बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा ही यह पूजा की जा रही है पहले इस पूजा में तिब्बत, नेपाल,भूटान सहित कई देशों के बौद्ध श्रद्धालु शामिल होते थे लेकिन इस बार ऐसा नही हो सका. विश्व में कोरोना से मुक्ति व विश्वशांति के लिए इस बार पूजा की जा रही है.