बिहार विधानसभा चुनाव (2025) में कांग्रेस ने काफी खराब प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेतृत्व ने बीते गुरुवार (27 नवंबर, 2025) को बिहार विधानसभा में निर्वाचित अपने विधायकों तथा हारे उम्मीदवारों के साथ चुनाव नतीजों पर समीक्षा बैठक की. इस दौरान हार के दो बड़े कारण माने गए. कई नेताओं यह कहा कि महागठबंधन में समय पर सीट बंटवारा नहीं होने के चलते उत्पन्न आंतरिक कलह और नीतीश सरकार की ओर से महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिया जाना करारी हार के मुख्य कारण रहे.

Continues below advertisement

कांग्रेस मुख्यालय 'इंदिरा भवन' में हुई इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नेताओं के साथ 10-10 के समूह में बातचीत की तथा उनसे हार के कारणों के बारे में जाना. इस बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी थे. बैठक के दौरान कांग्रेस के एक उम्मीदवार और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के एक समर्थक नेता के बीच पर कहासुनी की भी खबर है, हालांकि पप्पू यादव ने इसे 'झूठ' बताया है.

'दोस्ताना मुकाबले से गया गलत संदेश'

बैठक के बाद अररिया से कांग्रेस के विधायक आबिदुर रहमान ने 'पीटीआई-वीडियो' से कहा, "हार के कई कारण थे. पहला कारण है कि आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए 10-10 हजार रुपये दिए गए. गठबंधन में सीट बंटवारा सही समय पर नहीं हो सका. 10-11 सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हुआ, जिससे जनता में अलग संदेश गया." उनका कहना था कि समय पर सीट बंटवारा नहीं होने से नुकसान हुआ.

Continues below advertisement

रहमान ने असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा का उल्लेख करते हुए दावा किया कि धार्मिक और जातीय उन्माद फैलाए जाने का असर हुआ. एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के पुराने और नए नेताओं के बीच कलह भी थी.

पार्टी ने बिहार में 61 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल छह सीट ही जीत पाई. महागठबंधन भी 35 सीटों पर ही सिमट गया. वर्ष 2010 के बाद बिहार में पार्टी का यह दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन था. उसने 2010 में केवल चार सीट जीती थीं.

यह भी पढ़ें- बिहार चुनाव 2025: EVM पर कोई सवाल नहीं! जांच के लिए किसी उम्मीदवार ने नहीं दिया आवेदन