Congress MP Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार (05 फरवरी) को बिहार दौरे पर पटना में हैं. यहां वो एस के ममोरियल हॉल में आयोजित जगलाल चौधरी की 130वीं जयंती समारोह में शामिल हुए. उन्होंने केंद्र सरकार और आरएसएस पर निशाना साधते हुए दलितों को साधने की भरपूर कोशिश की.
अपने भाषण में उन्होंने कहा कि लोकसभा का एमपी एक निर्णय नहीं ले सकता. मंत्री बना दिया और OSD आरएसएस का बैठेगा. उदाहरण के लिए मीडिया के मित्रों की बड़ी कम्पनियां हैं. कंपनी के मालिक नहीं हैं. एक दलित दिखा दीजिए. एंकर्स और सीनियर्स की लिस्ट निकालिए और दलित दिखाइए.
दलितों के कल्याण की राहुल गांधी ने की बात
मैं हिंदुस्तान के एजुकेशन सिस्टम में पढ़ा हूं. दलितों के बारे में एक लाइन पढ़ी. दलित और Untouchability क्या इससे दर्द मिट जाएगा. अमेरिका में कॉलेज का SAT एग्ज़ाम होता है. जब एग्ज़ाम लिया गया तो गोरे स्टूडेंट्स का पेपर अच्छा हुआ और नेटिव अफ्रीकन अमेरिकन का खराब गोरे ने कहा कि वो ज़्यादा होशियार हैं और काली चमड़ी वाले नहीं. फिर एक प्रोफेसर से वही सवाल अफ्रीकन अमेरिकन से करवाया और पेपर गोरे और अफ्रीकन अमेरिकन को दिया तो गोरे फेल हो गए.
वही सवाल पूछ रहा हूं. मोदी ने 16 लाख करोड़ कर्ज अमीरों का माफ किया. अगर लिस्ट निकालेंगे तो एक पिछड़ा नहीं है, कॉरपोरेट की लिस्ट में एक पिछड़े की लिस्ट दिखा दो. अरबपति GST नहीं देते हिंदुस्तान के गरीब, मज़दूर देते हैं. आप पैसा देते हैं और सीधा उनकी जेब में जा रहा है. हम हिंदुस्तान की सारी संस्थाओं की लिस्ट निकालेंगे. मीडिया, ज्यूडीशरी, कॉरपोरेट, ब्यूरीक्रेसी में असलियत में किसकी कितनी भागीदारी है. सवाल धन का है.आज सारा धन स्वास्थ्य, शिक्षा कॉरपोरेट में है.
राहुल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आप प्राइवेट अस्पताल में जाते हैं पैसे वो अडानी अंबानी का है. इनको सरकारी जमीन दी जाती है. आप लाखों रुपए देते हैं, लेकिन मालिकों में आपका नाम नहीं. जातीय जनगणना से सब साफ़ हो जाएगा. कल मैंने भाषण में भागीदारी की बात की. उसके बाद पीएम ने जवाब दिया, डेढ़ घंटा में आपने जातीय जनगणना नहीं सुना, क्योंकि ये सच्चाई दिखाना नहीं चाहते हैं देश को. मैं चाहता हूं. मैं इसलिए आया. दिल्ली का चुनाव है, उसकी अपनी जगह है. मगर ये भी जरूरी है. देश के दलितों को कहना चाहता हूं.
'लीडरशिप में दलित पिछड़े हों इसके लिए मैं लड़ रहा हूं'
इस संविधान के अंदर आपके हजारों सालों का दर्द है. यही आपको नया भविष्य दे सकता है और सच्ची भागीदारी दे सकता है. इसलिए बीजेपी आरएसएस के लोग इसको ख़त्म करना चाहते हैं. सामने से मत्था टेकेंगे और फिर अपना काम चालू कर देंगे. अंबेडकर के सामने बीजेपी के नेता आज कल हाथ जोड़ते हैं, लेकिन जिसके लिए अंबेडकर ने ज़िंदगी दी उसे ख़त्म कर रहे हैं. स्कॉलरशिप ख़त्म करते हैं. रोहित वेमुला को मार देते हैं और अंबेडकर के सामने हाथ जोड़ते हैं. लीडरशिप में दलित पिछड़े हों इसके लिए मैं लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा.
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