बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का काम जारी है. विपक्षी दल इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी से भी एक बड़ा बयान सामने आया है. जेडीयू के विधायक संजीव सिंह ने बुधवार (23 जुलाई, 2025) को इस पूरे मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने एसआईआर को लेकर हो रही समस्या का जिक्र किया.
'नाम कटेगा तो ये बहुत दुखद है…'
संजीव सिंह न्यूज़ एजेंसी एएनआई से पटना में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा, "सवाल उठना लाजिमी है. एक मुद्दा जो मैं फेस कर रहा हूं अपने विधानसभा क्षेत्र में, मैं लगातार फॉलो कर रहा हूं, जो मजदूर बाहर हैं जिनका कॉन्ट्रैक्ट है कि आपको छह महीने तक छुट्टी नहीं है, काम करना है. जो वोटर हैं यहां के, तो उनका नाम कटेगा तो ये बहुत दुखद है."
संजीव सिंह ने आगे कहा कि चुनाव आयोग को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि वैसे मजदूर जो प्रवासी हैं उनका नाम नहीं कटे, ये विश्वास दिलाना होगा, तब मुद्दा शांत होगा. हमारे विधानसभा क्षेत्र में कोई घुसपैठिया नहीं है. एक सवाल के जवाब में कहा कि थोड़ी-बहुत तो दिक्कत है ही, कैसे दिक्कत नहीं है.
'ढंग से एसआईआर नहीं होगा तो नुकसान'
जेडीयू विधायक ने कहा कि जो बाहर काम कर रहे हैं उनका नाम छूट रहा है. ना हम बाहर रहने वालों से बात कर पा रहे हैं, ना उनका मोबाइल नंबर मिल पा रहा है. इतने कम समय में सब कैसे अपडेट होगा? वो सब (बाहर रहने वाले) एनडीए के वोटर हैं. सरकार को ध्यान देना चाहिए. एक सवाल पर जवाब दिया कि मैं पार्टी का सर्वे-सर्वा नहीं हूं. विधायक हूं. उन्होंने कहा कि ढंग से एसआईआर नहीं होगा तो नुकसान होगा.
दूसरी ओर जेडीयू विधायक संजीव सिंह ने भाई वीरेंद्र के सदन में दिए गए बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अगर गलत शब्द का प्रयोग भाई वीरेंद्र ने किया है तो खेद प्रकट कर दें. बता दें कि भाई वीरेंद्र ने यह कहा है कि सदन किसी के बाप का नहीं है.