बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 64.66 प्रतिशत की रिकॉर्ड वोटिंग के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. जहां महागठबंधन के नेता इस ऊंचे मतदान प्रतिशत को बदलाव का संकेत बता रहे हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने इन दावों पर तीखा पलटवार किया है.
चिराग पासवान ने कहा कि आज जिस तरह से काम हुआ है, उससे जनता का डबल इंजन सरकार पर भरोसा बढ़ा है. हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम 121 में से 100 सीटें आराम से जीतेंगे.
2010 की तरह इस बार भी जनता NDA के साथ- चिराग पासवान
चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष का यह तर्क गलत है कि ज्यादा वोटिंग होने पर सरकार बदल जाती है. उन्होंने कहा कि जो लोग बदलाव का दावा कर रहे हैं, उन्हें याद दिला दूं कि 2005 में NDA की सरकार बनी थी और 2010 में भी इसी तरह भारी मतदान हुआ था. उस समय भी जनता ने NDA पर भरोसा जताया था और हमारी सीटें बढ़ी थीं.
चिराग ने आगे कहा कि इस बार भी जनता डबल इंजन की सरकार के साथ है. उन्होंने कहा कि आज बिहार में जो विकास कार्य हुए हैं, जिस तरह से केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर काम किया है, उससे जनता का भरोसा पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुआ है.
चिराग पासवान ने 121 में से 100 सीटें जीतने का किया दावा
चिराग पासवान ने पहले चरण के मतदान को लेकर NDA के प्रदर्शन पर पूरा भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि पहले चरण की 121 सीटों में से हम 100 सीटें आराम से जीतने की स्थिति में हैं. लोगों का मूड साफ है वे स्थिरता और विकास चाहते हैं, न कि राजनीतिक अस्थिरता.
उन्होंने अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की स्थिति पर भी भरोसा जताया. चिराग ने कहा कि हमारी पार्टी 14 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और सभी सीटों से सकारात्मक रिपोर्ट मिल रही है. मुझे यकीन है कि जनता इस बार भी लोजपा (रामविलास) को आशीर्वाद देगी.
बिहार की जनता हर बार बनाती है रिकॉर्ड- चिराग पासवान
महागठबंधन की ओर से यह कहा जा रहा है कि ज्यादा मतदान सरकार के खिलाफ गुस्से का संकेत है, लेकिन चिराग पासवान ने इसे जनता के लोकतांत्रिक उत्साह से जोड़ा है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता हर बार रिकॉर्ड बनाती है. यह मतदान बदलाव का नहीं, बल्कि भरोसे का प्रतीक है.
पहले चरण की ऐतिहासिक वोटिंग के बाद अब सभी की निगाहें दूसरे चरण के मतदान पर टिकी हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चिराग का यह आत्मविश्वास NDA खेमे के अंदरूनी मनोबल को मजबूत करने की कोशिश है. हालांकि, असली तस्वीर 2025 के नतीजों में ही सामने आएगी.