हाजीपुर: बिहार में जातीय गणना के मामले में नीतीश सरकार (Nitish Government) को गुरुवार (18 मई) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से फिर झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के फैसले को बरकरार रखा है. अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई को सुनवाई होगी. इसको लेकर एलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. गुरुवार की शाम चिराग पासवान हाजीपुर पहुंचे थे.


चिराग पासवान ने कहा कि नाखून कटवा कर नीतीश कुमार शहीद होना चाहते हैं. नीतीश कुमार ही नहीं चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो क्योंकि महागठबंधन सरकार में इससे नीतीश कुमार और जेडीयू दोनों को नुकसान होगा. चिराग ने कहा कि जातीय जनगणना के पक्ष में जो भी पार्टी थी उसके साथ एक बार नीतीश कुमार को बैठक करनी चाहिए थी. वह भी पहुंचते. अपना सुझाव देते. सही तरीके से न्यायालय में पक्ष रखा जाता लेकिन नीतीश कुमार ने ऐसा नहीं किया.


जातीय जनगणना का क्या होगा स्वरूप?


चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ अकेले जाति जनगणना को लेकर आगे चल रहे हैं, लेकिन उनकी पार्टी के नेता को भी नहीं पता है कि जाति जनगणना का क्या स्वरूप होगा, क्या प्रोटोकॉल है और क्या नियम है. जिस तरीके से न्यायालय में नीतीश कुमार ने अपना पक्ष रखा इसे साफ लग रहा है कि नीतीश कुमार ही नहीं चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो. जात-पात की राजनीति नीतीश कुमार ही करते हैं. वह जिस गठबंधन में हैं लग रहा है कि उनकी पार्टी को इससे नुकसान होगा. इसी को देखकर वह अपना पक्ष नहीं रख रहे हैं और दिखावा कर रहे हैं.


बुलानी चाहिए थी सर्वदलीय बैठक: चिराग


जाति जनगणना को लेकर आगे चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार के अकेले चलने की रणनीति का नतीजा है कि इस पर ब्रेक लगा है. नीतीश कुमार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. हम लोग जाते. अपना सुझाव रखते. चिराग पासवान गुरुवार की शाम हाजीपुर संसदीय क्षेत्र में हुए एक  सड़क हादसे में घायल हुए मरीज से मिलने के लिए निजी अस्पताल में पहुंचे थे. यहीं उन्होंने बयान दिया.


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