Chaiti Chhath 2025: लोक आस्था का महापर्व चैती छठ बीते मंगलवार (01 अप्रैल) से शुरू हो गया है. आज चार दिवसीय महापर्व का दूसरा दिन खरना है. छठ व्रती आज पूरे दिन उपवास रखकर शाम में गुड़ से बनी खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करेंगे. आज के दिन का विशेष महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि खरना का प्रसाद खाने के लिए लोग दूर-दूर से अपने इष्ट मित्रों और संबंधियों के यहां पहुंचते हैं. 

खरना के बाद शुरू हो जाएगा 36 घंटे का निर्जला व्रत

खरना का प्रसाद बनाने के लिए छठ व्रती के अलावा उनके घर के लोग भी जुटे रहते हैं. प्रसाद बनाने के लिए गंगा घाट पर जाकर आज के दिन पानी लाना अति महत्वपूर्ण माना जाता है. इसको लेकर आज (बुधवार) सुबह से ही गंगा घाटों पर भीड़ देखने को मिली. आज खरना करने के बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा. 

कल (गुरुवार) विभिन्न तरह के फल और ठेकुआ के साथ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. परसों शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत समाप्त हो जाएगा. बिहार और उत्तर प्रदेश में साल में दो बार छठ मनाया जाता है. एक शारदीय छठ जो कार्तिक महीने में होता है और दूसरा चैती छठ. इस छठ में घाटों पर भीड़ कम होती है. हालांकि चैती छठ भी करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. 

खरना पूजा और अर्घ्य का समय देखें (Kharna Time Arghya Time)

खरना की पूजा: आज शाम 06:10 बजे 07:15 बजे तक

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य: कल (गुरुवार) शाम 06:10 बजे तक

प्रातः कालीन सूर्य को अर्घ्य: शुक्रवार सुबह 05:49 बजे के बाद दिया जाएगा

पटना में भीड़ को देखते हुए प्रशासन मुस्तैद

पटना के छठ का काफी महत्व माना जाता है. ऐसे में घाटों पर भीड़ भी होती है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट है. गर्मी का दिन है तो सभी घाटों पर पेयजल की विशेष व्यवस्था की गई है. सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. अभी गंगा का जलस्तर काफी नीचे है और घाट काफी दूरी पर है, इसको लेकर जिला प्रशासन ने छठ व्रतियों के घर तक टैंकर से गंगाजल पहुंचाने की भी व्यवस्था की है.

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