पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के जाति आधारित जनगणना (Caste Census) पर रोक के फैसले पर बीजेपी नीतीश सरकार पर आक्रामक हो गई है. इसको लेकर बीजेपी सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को घेर रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने गुरुवार को कहा कि आज अगर हाईकोर्ट ने अंतरिम स्थगन आदेश दिया है तो इसके लिए बिहार की सरकार ज़िम्मेदार है. नीतीश कुमार को पिछड़ों से कोई मतलब नहीं है उनका पिछड़ा विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है, इन्हें लगता है कि एमवाई (MY) समीकरण है जिसके कारण इनकी सरकार चल रही है. इनको पिछड़ों और अति पिछड़ों से कोई मतलब नहीं है.
सरकार यह मुकदमा जीतना ही नहीं चाहती थी- सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार के वकील तीन सवालों पर अपनी दलील से न्यायालय को संतुष्ट नहीं कर पाए. इससे लगता है कि सरकार यह मुकदमा जीतना ही नहीं चाहती थी. स्थानीय निकायों में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाने के मुद्दे पर भी सरकार को झुकना पड़ा था. आयोग की रिपोर्ट अब तक जारी नहीं हुई. जनगणना हो या आरक्षण, आरजेडी को अतिपिछड़ा वर्ग पर नहीं, केवल एम-वाइ समीकरण पर भरोसा है, वे केवल दिखावे के लिए पिछड़ों की बात करते हैं.
'जातीय जनगणना लंबे समय तक टल सकती है'
बीजेपी नेता ने कहा कि जातीय जनगणना कराने के विरुद्ध एक भी कानूनी सवाल का जवाब दमदार ढंग से नहीं दे पाने के कारण हाईकोर्ट में फिर नीतीश सरकार की भद पिटी. जनगणना कराने का फैसला उस एनडीए सरकार था, जिसमें बीजेपी शामिल थी. अदालत की अंतरिम रोक के बाद जातीय जनगणना लंबे समय तक टल सकती है और इसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं. जिस मुद्दे पर विरोध पक्ष से मुकुल रहोतगी जैसे बड़े वकील बहस कर चुके थे, उस पर जवाब देने के लिए वैसे ही कद्दावर वकीलों को क्यों नहीं खड़ा किया गया?
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