पटना: विपक्षी बैठक को लेकर बिहार की राजनीति में जमकर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं. महागठबंधन सरकार इसे सफल बता रही है तो बीजेपी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को आड़े हाथों ले रही है. वहीं, इस पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शुक्रवार को कहा है कि विपक्ष की बैठक टांय- टांय फिश हो गई. कहावत है ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ परंतु बैठक के बाद जो चुहिया निकली वह भी मरी हुई. विपक्षी एकता की बैठक की एक ही उपलब्धि है कि अगली बैठक का स्थान तय कर पाए. पटना की 40 डिग्री वाली गर्मी में कुछ निर्णय नहीं हो पाया. शायद हिमाचल की ठंडी वादियों में राहुल गांधी लालू यादव के प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे?


केजरीवाल गुस्से में प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए- सुशील मोदी 


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बैठक में न तो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार, न ही नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की चर्चा हुई. उल्टे अरविंद केजरीवाल गुस्से में प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए. सात मुख्य विपक्षी दल बैठक से नदारद थे. 15 शामिल दलों में 10 परिवारवादी दल हैं और 12 दल हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. ऐसे वंशवादी और भ्रष्टाचारी से लिप्त पार्टियां ईमानदार नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर सकती.


पटना में जुटे थे विपक्ष के तमाम दिग्गज


बता दें कि शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में पटना में विपक्ष की बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई विपक्षी नेता शामिल हुए.


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