पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मानहानि मामले को लेकर अभी देश के सुर्खियों में हैं. वहीं, इस मुद्दे पर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहिए था, क्योंकि सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाते ही वह बतौर सांसद अयोग्य हो गये थे. राहुल गांधी गांधी की अयोग्यता केवल तभी रोकी जा सकती है, यदि उच्चतर न्यायपालिका उनकी दोषसिद्धि को निलंबित करती है. उन्होंने कहा कि दोषसिद्धि का निलंबन केवल दुर्लभ से दुर्लभतम मामले में ही होता है.

न्यायपालिका के फैसले को स्वीकार करना चाहिए- सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि ये कोर्ट का फैसला है और न्यायपालिका के फैसले को स्वीकार करना चाहिए. देश में न्यायालय के सामने सब समान हैं. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि देश में तानाशाही आ गई है. जो लोग भ्रष्टाचार में डुबे हुए हैं वो कह रहे हैं कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे. वे कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. बता दें कि सुशील मोदी ने भी पटना में इसी मामले में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर कर रखी है.

इस मामले में हुई है सजा

बता दें कि राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ को लेकर आपराधिक मानहानि के एक मामले में बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया गया था और दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई गयी थी. अदालत ने हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को तत्काल जमानत दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक रोक लगा दी थी, ताकि वह इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकें. 

सदन की कार्यवाही राहुल गांधी ने लिया था हिस्सा

वहीं, लोकसभा में वायनाड संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राहुल गांधी ने शुक्रवार को कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया था. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जोरदार हंगामे के कारण एक घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी.

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