बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो सामने आने के बाद देश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. इस वीडियो में नीतीश कुमार एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान एक मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं.

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वीडियो वायरल होते ही विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी. वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोपों का जवाब देने के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक पुराना वीडियो सामने रख दिया.

यह घटना बिहार में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान की बताई जा रही है. आरोप है कि कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने एक महिला डॉक्टर का हिजाब जबरन खींच दिया. वीडियो में दिखता है कि मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मी महिला को पीछे खींचते हैं. इसी वीडियो को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर महिला की गरिमा और निजता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

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कांग्रेस ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इस घटना को शर्मनाक करार देते हुए सवाल उठाया कि इतनी बड़ी घटना पर सत्तापक्ष और मीडिया की ओर से खामोशी क्यों है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कृत्य किसी और नेता ने किया होता तो देशभर में हंगामा मच जाता.

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में इसे ‘बेशर्म हरकत’ बताते हुए नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की और कहा कि जब राज्य का मुख्यमंत्री इस तरह का व्यवहार करेगा तो महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजिमी है.

पलटवार में बीजेपी ने अशोक गहलोत का पुराना वीडियो किया वायरल

कांग्रेस के हमले के जवाब में बीजेपी ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक पुराना वीडियो साझा किया. इस वीडियो में गहलोत एक महिला का घूंघट हटाते हुए यह कहते नजर आते हैं कि घूंघट प्रथा खत्म हो चुकी है.

बीजेपी नेता राधिका खेड़ा ने सुप्रिया श्रीनेत पर निशाना साधते हुए कहा कि जब यह घटना हुई थी, तब कांग्रेस नेताओं की आवाज क्यों नहीं निकली. उन्होंने सवाल किया कि क्या उस समय हिंदू महिलाओं के अधिकार मायने नहीं रखते थे.

आम आदमी पार्टी की भी तीखी प्रतिक्रिया

इस पूरे विवाद में आम आदमी पार्टी भी कूद पड़ी है. पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने नीतीश कुमार के वीडियो की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि अगर सत्ता में बैठा व्यक्ति आज किसी महिला का पर्दा या घूंघट हटा सकता है, तो कल वह यह भी तय कर सकता है कि कौन सा कपड़ा ‘आपत्तिजनक’ है. उनके मुताबिक, समानता का मतलब सहमति होता है, न कि जबरदस्ती.

बता दें कि राज्य में कांग्रेस की सरकार के वक्त मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत ने घूंघट के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया था. जानकारों का दावा है कि यह वीडियो वक्त का है. हालांकि अब बीजेपी और उसके प्रवक्ता, राजग नीत बिहार सरकार के सीएम नीतीश कुमार का बचाव करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.