बीजेपी और जनता दल-यूनाइटेड (JDU) के नेताओं ने रविवार (30 नवंबर) को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के 'जिहाद' वाले बयान की आलोचना की. बीजेपी के प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने महमूद मदनी को देश के कानून और संविधान की याद दिलाई है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने मीडिया से बातचीत में कहा, "देश में लोकतंत्र और न्यायतंत्र है. उन्हें (महमूद मदनी) को कह देना चाहिए कि वे संविधान और कानून से ऊपर हैं."
उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया कि देश में बाबा साहेब अंबेडकर की ओर से निर्मित संविधान है, वहीं प्रस्तावना और सोच है. इसलिए कानून को अपने हाथ में लेने की कल्पना भी न करें. बिल्कुल भी इस बारे में न सोचें.
मदनी को गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए-गुलाम गौस
वहीं जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस ने मौलाना महमूद मदनी के बयान को 'बेतुका' बताया. गुलाम गौस ने कहा, ''उन्हें (महमूद मदनी) गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए. 'अनेकता में एकता' हमारे देश की विशेषता है.''
मदनी के 'घर वापसी' वाले बयान पर क्या बोले गुलाम गौस?
उन्होंने महमूद मदनी के उस बयान को भी खारिज किया, जिसमें मौलाना ने कहा कि 'घर वापसी' के नाम पर एक वर्ग को छूट दी जा रही है. गुलाम गौस ने कहा, "इच्छा से कोई व्यक्ति किसी धर्म को मानना चाहता है तो कौन रोक सकता है? जिहाद का मतलब अपने मन में किसी के प्रति या अपनी गलत इच्छा पर नियंत्रण पाना होता है. लेकिन उन्हें गैरजिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए."
'विपक्ष का कोई वजूद नहीं बचा'
इस दौरान JDU एमएलसी ने तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "विपक्ष का कोई वजूद नहीं बचा है. नियुक्ति लोकतंत्र की व्यवस्था के कारण हुई है. विपक्ष का काम सिर्फ सरकार की आलोचना करना नहीं है, बल्कि सरकार को सलाह देना और गलतियों के बारे में बताने का भी होता है." गुलाम गौस ने हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष के नाम पर सिर्फ विरोध करना, यह उसका काम नहीं है, क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष भी सरकार का एक अंग होता है.