Bihar Bird Flu: बिहार के जहानाबाद में बर्ड फ्लू की दस्तक, RDDL की जांच रिपोर्ट में हुई पुष्टि
Bird Flu: पुलिस लाइन और समाहरणालय में कई पक्षियों की मौत हो गई थी. पक्षियों के बड़ी संख्या में मौत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और मृत पक्षियों का सैंपल जांच के लिए कोलकाता भेजा गया था.

Bird flu In Jehanabad: जहानाबाद जिले में बर्ड फ्लू बीमारी ने दस्तक दे दी है. शुक्रवार को जहानाबाद पुलिस लाइन और समाहरणालय में मरे पक्षियों में बर्ड-फ्लू वायरस की पुष्टि होने से जिले में हड़कंप मच गया है. समाहरणालय और पुलिस लाइन में काम करने वाले कर्मी और अधिकारी खौफजदा हैं. पूरे समाहरणालय और पुलिस लाइन को सेनेटाइज किया जा रहा है. हालांकि गनीमत ये है कि बर्ड फ्लू सिर्फ पक्षियों में पाए गए हैं. मुर्गियों में अभी तक कोई रिपोर्टिंग नहीं है.
समाहरणालय में कई पक्षियों की मौत
दरअसल बीते 10 दिनों पूर्व पुलिस लाइन और समाहरणालय में कई पक्षियों की मौत हो गई थी. पक्षियों के बड़ी संख्या में मौत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया. मृत पक्षियों का सैंपल जांच के लिए कोलकाता के RDDL संस्थान में भेजा गया था, जहां से जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने पर लोग परेशान हो गए. सावधानी बरतने के साथ-साथ जिला प्रशासन ने समाहरणालय, पुलिस लाइन और डीएम आवास में दवा का छिड़काव किया जा रहा है.
इधर मृत पक्षियों के सैंपल में बर्ड फ्लू (H5N1) का टेस्ट पॉजिटिव आया है. जांच टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ ज्ञानवेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि पक्षियों विशेषकर कौवे के सैंपल में S5N1 सिम्टम्स पाए गए हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है. जिले के विभिन्न इलाकों से मुर्गियों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि मुर्गियों में अभी तक असमान्य मौत कि कहीं कोई बात सामने नहीं आई है. इसके बावजूद भी हम लोग एहतियात बरतते हुए सैनिटाइजेशन का कार्य करवा रहे हैं. पशुपालन पदाधिकारी डॉक्टर विनय कुमार ने कहा कि इससे तनिक भी लोगों को चिंता नहीं करना है. यह वायरस 70 डिग्री टेंपरेचर पर मर जाता है. ऐसे में मुर्गियों को अच्छी तरह से पका कर खाने में कोई दिक्कत नहीं है.
'बर्ड फ्लू बहुत पुराना वायरस'
इधर जिले के प्रसिद्ध फिजिशियन डॉ गिरिजेश कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू बहुत पुराना वायरस है, इसका इफेक्ट ज्यादा पक्षियों में होता है. इंसानों में इसका प्रभाव ज्यादा घातक नहीं है. थोड़ा रेस्पिरेटरी सिस्टम प्रभावित होने और वायरल निमोनिया हो सकते है, परंतु जिले में अब तक कोई भी इस तरह मरीज नहीं पाए गए हैं. इसलिए ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं है.
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Source: IOCL





















