बिहार में ट्रैफिक कैमरों के जरिए कटने वाले चालानों को लेकर परिवहन विभाग ने वाहन चालकों को बड़ी राहत दी है. अब यदि किसी वाहन मालिक का चालान गलत तरीके से कटा है, तो वह इसे निरस्त कराने के लिए आवेदन कर सकता है. इसके लिए संबंधित जिले के यातायात थाना में जाकर आवश्यक कागजात जमा करने होंगे.
परिवहन विभाग ने बताया कि कैमरा आधारित चालान प्रणाली लागू होने के बाद प्रतिदिन बड़ी संख्या में आवेदन मुख्यालय को मिल रहे हैं. हर दिन औसतन 50 से अधिक आवेदन पहुंचते हैं, जिनमें से करीब 10 प्रतिशत आवेदन अधूरे दस्तावेजों या गलत जानकारी के कारण खारिज कर दिए जाते हैं. सबसे अधिक आवेदन हेलमेट न पहनने से जुड़े चालानों के निरस्तीकरण के लिए किए जाते हैं.
क्या है आवेदन की प्रक्रिया
विभाग के अनुसार, चालान निरस्तीकरण के लिए वाहन मालिक को अपने जिले के यातायात थाना में आवेदन करना होता है. आवेदन के साथ चालान की साफ कॉपी, वाहन की आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट), चालान में दर्ज वाहन की तस्वीर और वाहन का आगे-पीछे से खींचा गया रंगीन फोटो जमा करना अनिवार्य है. इसके अलावा, वाहन स्वामी को आवेदन में यह भी लिखना होता है कि चालान निरस्तीकरण का वैध कारण क्या है. दस्तावेजों के सत्यापन के बाद यातायात थाना अधिकारी 'फॉर्म-बी' भरकर मामले को आगे बढ़ाते हैं.
ड्राइविंग लाइसेंस की क्या है तय समय सीमा
नियमों के मुताबिक, गलत चालान कटने के 90 दिनों के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है. वहीं, ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित चालानों के लिए समय सीमा और भी कम है. ऐसे मामलों में सिर्फ 15 दिनों के भीतर डीएल की फोटोकॉपी के साथ आवेदन जमा करना होगा.
किन उल्लंघनों पर कटते हैं चालान?
ट्रैफिक पुलिस को हेलमेट न पहनने, सीट बेल्ट का उपयोग न करने, वैध ड्राइविंग लाइसेंस न होने, गलत लेन में वाहन चलाने, ओवरस्पीडिंग, ट्रिपल राइडिंग और बीमा की अवधि खत्म होने जैसे मामलों में चालान काटने का अधिकार है. विभाग का कहना है कि कैमरा आधारित प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ी है, लेकिन कई बार तकनीकी गड़बड़ी या गलत पहचान के कारण चालान गलत कट जाते हैं. ऐसे मामलों में यह नई सुविधा वाहन मालिकों को राहत देने का काम करेगी.
परिवहन विभाग का मानना है कि इस प्रक्रिया से वाहन चलाकों को न्याय मिलेगा और ट्रैफिक नियमों के पालन के साथ-साथ पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी. अब वाहन मालिकों को सतर्क रहकर सही समय पर सही दस्तावेज जमा करने होंगे, ताकि वे चालान निरस्तीकरण का लाभ उठा सकें.