बिहार में विशेष भूमि सर्वे के लिए बहाल किए गए संविदा कर्मियों की हड़ताल पर अब विभाग ने सख्ती दिखा दी है. 16 अगस्त से शुरू हुई इस हड़ताल के बीच राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने साफ चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 30 अगस्त शाम 5 बजे तक काम पर नहीं लौटने वाले कर्मियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा.
भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने हड़ताली संविदा कर्मियों से अपील की है कि वे तुरंत अपने-अपने कार्यालय में लौटें और योगदान पत्र जमा करें. विभाग ने साफ कर दिया है कि 30 अगस्त के बाद लौटने वालों को कोई मौका नहीं मिलेगा. जो कर्मचारी तय समय तक वापस लौटेंगे, केवल उन्हीं पर विभाग आगे विचार करेगा.
अब तक 383 कर्मियों की बर्खास्तगी
हड़ताल को लेकर विभाग पहले ही कार्रवाई कर चुका है. अब तक कुल 383 विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है. विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि इन बर्खास्त कर्मियों पर अब किसी तरह की सहानुभूति या विचार नहीं किया जाएगा.
हड़ताल कर रहे संविदा कर्मियों की सबसे बड़ी मांग सेवा का नियमितीकरण या संविदा अवधि को 60 साल तक करने की है. लेकिन विभाग ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है. विभाग का कहना है कि न तो ऐसा कोई प्रावधान है और न ही इस पर विचार होने की संभावना है.
विभाग ने हड़ताली कर्मियों से यह भी कहा है कि सरकार से सकारात्मक वार्ता की जो खबरें फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह झूठी हैं. हड़ताल के नाम पर कुछ नेता चंदा वसूली कर रहे हैं. ऐसे में कर्मियों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और जल्द से जल्द अपने कार्यस्थल पर योगदान दें.
16 अगस्त से जारी हड़ताल
बता दें कि 16 अगस्त से ही राज्यभर के विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी हड़ताल पर हैं. यह हड़ताल राजस्व महाअभियान (16 अगस्त से 20 सितम्बर तक) की शुरुआत के साथ ही शुरू हुई थी.
हड़ताल में करीब 13 हजार संविदा कर्मी शामिल हैं. इनमें विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन और लिपिक जैसे पदों पर कार्यरत कर्मचारी हैं.
2087 लौट चुके काम पर, 376 गए ही नहीं हड़ताल पर
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 2087 संविदा कर्मी हड़ताल से लौटकर काम पर योगदान दे चुके हैं. वहीं विभिन्न पदों पर कार्यरत 376 कर्मी ऐसे भी हैं जो शुरू से ही हड़ताल पर नहीं गए थे. विभाग ने इन लौटे हुए और गैर-हड़ताली कर्मियों पर विचार करने का भरोसा दिलाया है.