पटना: सूबे के सियासी गलियारों में लंबे समय से ऐसी चर्चाएं थीं कि आरजेडी में सब कुछ ठीक नहीं है. समय-समय पर ये सवाल उठता रहा है, जिसे तेजस्वी यादव समेत पार्टी के अन्य नेता गलत बताते रहे हैं. लेकिन बीते 10 दिनों में जो घटनाक्रम सामने आई है, उससे ये स्पष्ट हो गया है कि आरजेडी में ऑल इस वेल नहीं है. आकाश यादव को पार्टी से हटाए जाने के बाद तेज प्रताप की जिस तरह से प्रतिक्रिया आई, उसने पार्टी में जारी अंतर्कलह को स्पष्ट कर दिया. 


संजय यादव पर साधा निशाना


अपने करीबी को पदमुक्त किए जाने से नाराज तेज प्रताप ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर तो हमला बोला ही. साथ ही प्रवासी सलाहकार कह कर तेजस्वी को भी घेरा. हालांकि, गुरुवार को उन्होंने अपना स्टैंड बदलते हुए ये स्पष्ट किया कि उन्होंने प्रवासी सलाहकार किसे कहा था. 


 






तेज प्रताप ने ट्वीट कर कहा, " जिस प्रवासी सलाहकार के इशारों पर पार्टी चल रही वो हरियाणा में अपने परिवार से किसी को सरपंच नहीं बनवा सकता. वो ख़ाक मेरे अर्जुन को मुख्यमंत्री बनायेगा. वो प्रवासी सलाहकार सिर्फ लालू परिवार और राजद में मतभेद पैदा कर सकता है." तेज प्रताप के ट्वीट से ये स्पष्ट होता है कि उन्होंने तेजस्वी यादव के करीबी मानें जाने वाले संजय यादव को प्रवासी सलाहकार कहा है. साथ ही उनपर पार्टी और लालू परिवार में फूट डालने का आरोप भी लगाया है. 


जगदानंद सिंह ने नए हाथों में सौंपी जिम्मेदारी


दरअसल, आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष बुधवार को कई दिनों बाद बिहार की राजधानी पटना स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे. कार्यालय पहुंचते ही उन्होंने पार्टी के संबंध में बड़ा फैसला किया. उन्होंने पार्टी के युवा विंग की जिम्मेदारी गगन कुमार को सौंप दी. इससे पहले युवा विंग के अध्यक्ष आकाश यादव थे. 


 






आकाश यादव को पदमुक्त किए जाने से भड़के तेज प्रताप ने ट्वीट कर कहा, " प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने मैं अध्यक्ष जी ये भूल गए कि पार्टी संविधान से चलती है और आरजेडी का संविधान कहता है कि बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते. आज जो हुआ वो आरजेडी के संविधान के खिलाफ हुआ."


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