पटनाः बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि तीनों कृषि कानून वापस वापस होने और किसानों की ज्यादातर मांगें मान लिए जाने के बाद किसान आंदोलन समाप्त करने की घोषणा सद्भाव बढ़ाने वाला कदम है. अच्छा होता यदि किसान नेता बड़ा दिल दिखाते और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर भरोसा करते हुए उनकी घोषणा के बाद धरना-आंदोलन समाप्त करने की घोषणा कर देते.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों के हित में सबसे ज्यादा फैसले लिए. कृषि बजट दोगुना करना, नीम कोटेड यूरिया से उर्वरक की कालाबाजारी खत्म करना, कई प्रमुख फसलों की एमएसपी (MSP) में डेढ़ गुना तक वृद्धि, गेहूं की रिकॉर्ड खरीद और बिना बिचौलिए के किसानों के खाते में सालाना छह हजार रुपये डालने की किसान सम्मान निधि योजना लागू करना - ऐसे कई कदम हैं, जो अब तक किसी सरकार ने नहीं उठाए.


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सरकार के संयम की परीक्षा ली गईः सुशील मोदी


राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार ने शुरू से ही टकराव के बजाय संवाद, अन्नदाता के प्रति आदर और विश्वास का रुख अपनाया. दूसरी ओर यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि 378 दिनों तक खिंचे आंदोलन की आड़ में कुछ तत्वों ने देश की अखंडता, राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी की मर्यादा और हिंदू-सिख एकता को निशाना बना कर सरकार के संयम की परीक्षा ली. किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद भी सरकार शेष मुद्दों पर वार्ता जारी रखेगी. उम्मीद है कि संवाद के अगले चरणों में पहले से ज्यादा सद्भाव होगा और हर समस्या का समाधान आसानी से होगा.



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