पटनाः बीजेपी और जेडीयू के कद्दावर नेताओं की जुबानी जंग के बाद पार्टी के प्रवक्ता आपस में भिड़ गए हैं. बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद (Nikhil Anand) ने अपनी पार्टी की तरफ से बल्ला संभाला है तो जेडीयू की तरफ से सामने आ गए अभिषेक झा. किसी ने थूक शब्द का इस्तेमाल कर दिया तो किसी ने पहलवान की बात कह दी.

निखिल आनंद ने छोटी पार्टियों के बारे में टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया. लिखा- ‘गौशाला में गायों को सानी-पानी देने का काम करने वाला भी कई बार बिना दूध पिये ही खुद को पहलवान समझने लगता है. छोटे जमात के लोग बड़े दरबार की व्यवस्था का ऐहसास नहीं कर सकते. खुद तीन में हैं कि तेरह में, जहां हैं वहीं के लोगों से पूछ लें! वह दिन दूर नहीं कि अगला जगह ढूंढना पड़ेगा.’

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वहीं अभिषेक झा ने भी पलट कर जवाब दिया. बाकायदा नाम लिखकर. ‘निखिल आनंद जी इंसान अपने कद के हिसाब से बयान दे तो अच्छा लगता है. आसमान की तरफ चेहरा करके थूकने से थूक वापस चेहरे पर ही पड़ती है. इसलिए थूक पोंछ लीजिए. ईश्वर आपका भला करे.’

संजय जायसवाल के बयान पर भी किया पलटवार

अभिषेक झा ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर भी हमला बोला. कहा- ‘इस देश में जघन्य अपराधों के लिए कड़े कानून हैं लेकिन उसके बावजूद वैसे अपराध होते हैं. बिहार में सुशासन है और सुशासन में जो भी गलत करेगा, अफसर हो या कोई और, दंडित होगा. सुशासन की सरकार की नीति है ना किसी को फसाना और ना किसी को बचाना. थोड़ा ज्ञान वर्धन कर लीजिए अध्यक्ष जी, गोपालगंज में जहरीली शराब कांड एक उदाहरण है जहां जहरीली शराब बेचने वाले लोगों को फांसी तक की सजा हुई है.’

संजय जायसवाल ने क्या कहा था?

नालंदा में हुई जहरीली शराब से मौत पर संजय जायसवाल ने सवाल उठाए थे. कहा था कि मुझसे जहरीली शराब पर जेडीयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था. आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा? क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता तो आपके लिए अपराध है. इसे जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा. 

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