Bihar News: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर अटकलों का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया है. इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रधान महासचिव एवं विधायक रणविजय साहू का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश के बेटे निशांत को सक्रिय राजनीति में आना चाहिए, उनका स्वागत है. अगर आते हैं तो बहुत अच्छी बात होगी. लोकतंत्र में सभी को अधिकार है, आजादी है. निशांत कुमार नौजवान हैं युवा हैं.

क्या तेजस्वी और निशांत कुमार भविष्य में साथ दिख सकते हैं?वहीं RJD नेता से एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान पूछा गया कि क्या तेजस्वी और निशांत कुमार भविष्य में साथ दिख सकते हैं. इसपर उन्होंने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है. बिहार का इतिहास रहा है जब-जब नौजवान युवाओं ने अंगड़ाई ली है, तब-तब बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ है. 2025 में नौजवान युवा बदलाव लाएंगे. 2025 में विधानसभा चुनाव है. तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे. 

विधायक रणविजय साहू ने आगे कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि निशांत कुमार सक्रिय राजनीति में आएं. जदयू को बीजेपी खत्म करना चाहती है. निशांत आएंगे तो बीजेपी का प्लान फेल हो जाएगा. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि सभी क्षेत्रीय दलों को समाप्त कर देंगे. 

जदयू नेता भी की आई प्रतिक्रियावहीं निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर जदयू प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता अरविंद निषाद ने कहा कि सभी को राजनीति में आने का अधिकार है. निशांत कुमार समझदार व्यक्तित्व वाले शख्स हैं. निशांत को राजनीति में आना चाहिए. जदयू का हर कार्यकर्ता भी यही चाहता है. पार्टी का कार्यकर्ता चाहता है कि ऐसा चेहरा आए जिसके साथ वह आगे की राजनीति कर सकें. निशांत आएंगे या नहीं यह उनको तय करना है. 

‘RJD पारिवारिक विरासत की राजनीति करने वाला दल’आरजेडी के दावे पर अरविंद निषाद ने कहा कि राजद पारिवारिक विरासत की राजनीति करने वाला दल है. लेकिन नीतीश कुमार राजनीति के ऐसे नेता हैं ऐसा व्यक्तित्व हैं जिनको हर दल अपने साथ लाना चाहता है. आरजेडी चाहती है कि नीतीश कुमार साथ आएं ताकी नैया पार लग जाए. लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला है. NDA में रहकर हम लोग चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे. 

बता दें सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि जल्द ही निशांत सक्रिय राजनीति में आ सकते हैं और विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते है. शुक्रवार को वे राजनीति में आने के सवाल पर चुप्पी साध गए लेकिन जनता से यह अपील जरूर की कि पिताजी को फिर से मुख्यमंत्री बनाइये. 

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