बिहार में सरकार गठन के एक महीने भीतर ही सत्ता समीकरण पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. RJD और JDU नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. नीतीश कुमार की राजनीतिक मजबूती और BJP के साथ उनकी समीकरणों पर सवाल उठ रहे हैं.

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RJD के प्रधान महासचिव और विधायक रणवीजय साहू ने ताजा बयान में यह दावा किया है कि नीतीश कुमार दोबारा RJD की ओर लौट सकते हैं. साहू ने कहा कि जब भी नीतीश कुमार यह कहते हैं कि वे RJD के साथ नहीं जाएंगे, तब स्थितियां ऐसी बनती हैं कि वह वापस आ जाते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि गृह विभाग, स्पीकर पद और दोनों डिप्टी CM पद BJP द्वारा अपने पास रखे जाने के कारण नीतीश असहज और डरे हुए हैं. साहू ने यहां तक कहा कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की तरह भाजपा बिहार में भी मुख्यमंत्री बदलने की रणनीति अपना सकती है.

JDU ने किया दावे को खारिज

दूसरी ओर जदयू ने राजद के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. JDU विधायक मंजीत सिंह ने कहा कि राजद को जनता ने नकार दिया है इसलिए पार्टी घबराहट में ऐसे बयान दे रही है. उन्होंने साफ कहा कि जदयू और भाजपा गठबंधन पूरी तरह मजबूत है और इसमें किसी तरह की टूटफूट की संभावना नहीं है. मंजीत सिंह ने दावा किया कि नीतीश कुमार पूरे 5 साल मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे और बिहार में NDA की सरकार स्थिर रहेगी.

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सदन में भी इस मुद्दे पर तनातनी देखने को मिली जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने RJD पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने RJD को बीच बीच में साथ रखा था लेकिन गड़बड़ियां शुरू होने के बाद गठबंधन तोड़ना पड़ा. नीतीश ने साफ कहा कि वे अब कभी RJD के साथ नहीं जाएंगे. उनके इस बयान ने राजनीतिक गतिविधियों को और तेज कर दिया है क्योंकि राजद इसे नीतीश की मजबूरी का संकेत बता रहा है जबकि जदयू इसे स्थिर सरकार की घोषणा मान रहा है. बिहार की सियासत में यह तकरार आने वाले समय में बड़े राजनीतिक फेरबदल का संकेत दे रही है.