पटनाः सोमवार को तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद (Chhatra Janshakti Parishad) की तरफ से फिर दो बड़े बयान दिए गए. एक तेज प्रताप के संगठन ने आरजेडी से बिहार विधान परिषद की छह सीटें मांग लीं. वहीं दूसरे बयान में ये कहा कि जेडीयू की से ओर तेज प्रताप यादव को बिहार का उप मुख्यमंत्री बनने का ऑफर दिया जा चुका है, मगर सिद्धांतों के कारण तेजप्रताप मान नहीं रहे हैं. छात्र जनशक्ति परिषद बिहार प्रदेश के अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव (Prashant Pratap Yadav) ने दोनों बयान जारी किया है.


दोनों बयानों को एक-एक कर समझें


पहलाः छात्र जनशक्ति परिषद ने पहले बयान में आरजेडी से छह सीटें मांगी हैं. साथ ही विधानसभा उप चुनाव का हवाला देते हुए कहा है कि श्रीकृष्ण के बिना जीत संभव नहीं है. समाज के संघर्ष व विकास में छात्र और युवाओं की मुख्य भूमिका होती है. प्रदेश के अधिकतम छात्र-युवा छात्र जनशक्ति परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव के साथ हैं. इसलिए आरजेडी द्वारा कम से कम 25 प्रतिशत सीटों पर उम्मीदवार के चयन के लिए तेज प्रताप यादव को अधिकृत करना चाहिए.


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दूसराः वहीं जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा के द्वारा तेज प्रताप की राजनीतिक हैसियत वाले बयान का जवाब देते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव ने कहा कि तेज प्रताप को जेडीयू उपमुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दे चुका है, लेकिन वो अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करते हैं. एक बार नहीं बल्कि जेडीयू से कई बार ऑफर मिला है. प्रशांत प्रताप यादव ने यह दावा किया. बता दें कि हाल ही में जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा था कि आरजेडी में तेजप्रताप की हैसियत न के बराबर है. यही वजह है कि जगदानंद सिंह पर कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि प्रशांत प्रताप ने छह सीटों की मांग को लेकर यह भी साफ कर दिया कि इस मांग के पीछे तेज प्रताप यादव का कोई मकसद नहीं है. बल्कि छात्र जनशक्ति परिषद की यह चाहत है कि छह सीट मिले.  


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