आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के विदेश दौरे को लेकर बीजेपी के नेता लगातार हमला कर रहे हैं. गुरुवार (11 दिसंबर, 2025) को बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने बयान जारी कर कहा कि विपक्ष के नेता का दायित्व होता है कि वह राज्य की समस्याओं, चुनौतियों और जनहित से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से काम करे, लेकिन बिहार की जनता यह देखकर हैरान है कि जब भी राज्य को मजबूत विपक्ष की जरूरत होती है, तेजस्वी यादव सैर-सपाटा और विदेश यात्राओं में व्यस्त दिखाई देते हैं.

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'बिहार के लिए भी कोई योजना है?'

प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि बिहार में विकास, रोजगार, कानून-व्यवस्था और निवेश जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुझाव देने की जगह बार-बार गैर-जरूरी आरोप लगाना और जिम्मेदारियों से दूरी बनाना तेजस्वी यादव की आदत बन चुकी है. बिहार की जनता पूछ रही है- क्या विपक्ष का नेता केवल विदेश यात्राओं के लिए है या उनके पास बिहार के भविष्य के लिए भी कोई योजना है?

बीजेपी नेता ने आगे कहा कि एनडीए सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में उद्योग, आधारभूत संरचना, शिक्षा, किसानों और युवाओं के लिए निरंतर काम कर रही है. ऐसे समय में विपक्ष को भी चाहिए कि वह विदेश भ्रमण छोड़कर विधानसभा में उपस्थित रहते, मुद्दों पर बहस करते और राज्यहित में सकारात्मक योगदान देते.

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उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव से आग्रह नहीं पर अपेक्षा जरूर है कि वे विदेश से लौटकर कम से कम बिहार के लिए कुछ सोचें, जमीन पर उतरें और जनता को बताएं कि उनके पास राज्य के विकास के लिए कोई ठोस एजेंडा है भी या नहीं."

नित्यानंद राय ने भी साधा निशाना

उधर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, "उनका (तेजस्वी यादव) बचपन ऐशो-आराम में बीता... एक बचपन जो मिट्टी में खेलकर बीतता है वह उनके साथ नहीं हुआ. राजनीति में जब उनके ही नेता उनपर आरोप लगाते हैं कि उनकी आंखों पर पट्टी बंध गई है इसका मतलब है कि उनके अंदर कोई विवेक, अपना दृष्टिकोण नहीं है... तेजस्वी यादव अनुभवहीन हैं, उनका कोई लक्ष्य नहीं है, सत्ता सिर्फ उन्हें अपने परिवार के सुख के लिए, धन-संपत्ति अर्जित करने के लिए चाहिए..."

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