Bihar Politics: नीतीश कुमार ने आखिरकार महागठबंधन से किनारा कर लिया है. बिहार में महागठबंधन के साथ-साथ वो इंडिया गठबंधन से भी अलग हो गए हैं. सीएम नीतीश के इस फैसले का इंडिया और बीजेपी दोनों खेमे पर बड़ा असर होगा. बीजेपी लोकसभा चुनावों में नीतीश कुमार के साथ आने से फायदा होने की उम्मीद कर रही है. बीजेपी ने इस बार लोकसभा चुनाव में 400 का टारगेट रखा है.
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं और किसी भी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है. नीतीश के साथ आने के बाद बीजेपी को इसका फायदा होगा. वोट बैंक के लिहाज से देखें तो बीजेपी को लगता है कि सीएम नीतीश के आने से अति पिछड़ा वोटर्स एनडीए के पाले में आ सकता है. बिहार में क्या हैं समीकरण? बिहार में अति पिछड़ा 36 फीसदी हैं. ये बिहार की सबसे बड़ी आबादी है. पिछड़ा 27, एससी 20 फीसदी, सवर्ण 15 फीसदी और एसटी दो फीसदी है. ऐसी ट्रेंड देखा गया है कि नीतीश कुमार को महिलाएं भी बढ़ चढ़कर वोट करती हैं.
नीतीश कुमार ने कब कब बदला पाला?
2013 में बीजेपी से तोड़ दिया था गठबंधन2014 में आरजेडी के साथ किया गठबंधन2017 में आरजेडी छोड़ बीजेपी के साथ आए2022 में नीतीश कुमार फिर आरजेडी के साथ गए2023 में एक बार फिर बीजेपी के साथ किया गठबंधन
BJP का मिशन 400+ नीतीश क्यों हैं ज़रूरी?
बिहार कुल सीट - 40
NDA - नीतीश के साथ 2019 लोकसभा चुनाव सीट
· NDA – 39
· UPA -1 वोट %
· NDA – 54.3 %
· UPA - 32.6 % NDA - (नीतीश के बिना) बिहार का ओपिनियन पोल (दिसंबर 2023) (स्रोत- ABP - C वोटर) किसे कितना वोट ? · NDA - 39%
· INDIA गठबंधन - 43% किसे कितनी सीट ?
· NDA- 16-18
· INDIA गठबंधन - 21-23
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