Samastipur Bank Robbery: बिहार के समस्तीपुर जिला पुलिस और  एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में हुए लूटकांड का खुलासा कर लिया है. इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने दो लाख रुपए के इनामी अपराधी कर्मवीर कुमार समेत चार शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से लगभग एक करोड़ रुपए मूल्य का लूटा गया सोना, तीन देसी पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस, एक पल्सर मोटरसाइकिल, एक हुंडई कार और 19,200 रुपये नकद बरामद किए गए हैं.

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पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों की पहचान कर्मवीर कुमार उर्फ धर्मवीर उर्फ देशमुख भाई (वैशाली, बिदुपुर थाना क्षेत्र, खिलवत गांव), रवीश कुमार (वैशाली, बिदुपुर, मथुरापुर गांव), रणधीर कुमार उर्फ बबलू (समस्तीपुर, चकमहेसी थाना, बेलसंडी गांव) और सुनार बिट्टू कुमार (वैशाली, बिदुपुर, नया नगर गांव) के रूप में की है, कर्मवीर पर राज्य के विभिन्न थानों में लूट और डकैती के 10 से अधिक मामले दर्ज हैं. उस पर पुलिस ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था, वह पिछले वर्ष समस्तीपुर के मोहनपुर रोड स्थित रिलायंस ज्वेलर्स शोरूम लूट मामले में भी वांछित था.

एएसपी संजय पांडे ने प्रेस वार्ता में बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि कर्मवीर समस्तीपुर के दलसिंहसराय में सोना-चांदी की दुकान में लूट की साजिश रच रहा है. सूचना के आधार पर नगर थाना पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कर्मवीर को नगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया. उसके पास से एक पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद हुए. पूछताछ में कर्मवीर ने बैंक लूट में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और अपने साथियों के बारे में जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने रवीश, रणधीर और बिट्टू को गिरफ्तार किया.

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एएसपी ने खुलासा किया कि इस लूट की साजिश का मास्टरमाइंड दीपक कुमार उर्फ दीपक मुंशी था, जो समस्तीपुर के काशीपुर मोहल्ले में किराए के मकान में रहता था. दीपक ने बैंक की रेकी की थी और कर्मवीर सहित अन्य अपराधियों को इस लूट के लिए समस्तीपुर बुलाया था. दीपक पहले समस्तीपुर कोर्ट में मुंशी का काम करता था, लेकिन हाल के वर्षों में वह वैशाली और समस्तीपुर में कई लूट की घटनाओं में शामिल रहा है. लूटे गए सोने को गलाने के लिए अपराधियों ने सुनार बिट्टू को सौंपा था, जिसके पास से गलाया हुआ सोना भी बरामद किया गया.

7 मई को हुई थी बैंक में लूट

पुलिस के अनुसार, कर्मवीर ने पूछताछ में स्वीकार किया कि दीपक ने इस लूट की पूरी योजना तैयार की थी. शुरुआत में 6 मई को लूट की योजना थी, लेकिन वह विफल रही. इसके बाद 7 मई को सभी अपराधी समस्तीपुर में एकत्रित हुए और इस सनसनीखेज लूट को अंजाम दिया. बरामद 958.28 ग्राम सोने की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये आंकी गई है. 

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