पटना: बिहार की राजधानी पटना का गांधी मैदान इन दिनों मेलों से गुलजार है. डिजनीलैंड, कश्मीरी मेला के साथ-साथ यहां मैजिक शो भी लगा है. अब आज शुक्रवार (15 दिसंबर) से प्रारंभ होने वाले सरस मेले (Saras Mela) की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. इस सरस मेले में 17 राज्यों के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं शामिल होंगी. इस मेले में जहां 17 राज्यों की संस्कृति और लोककला को देखने का मौका मिलेगा, वहीं बिहार की संस्कृति और लोककला भी देखने को मिलेगी.


उत्पाद, व्यंजन और शिल्प को लेकर शामिल होंगी महिला उद्यमी


इस मेले में प्रदेश के 38 जिलों से कुल 180 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियां भी उपस्थित रहेंगी. सरस मेले का आयोजन ग्रामीण विकास विभाग के बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन समिति (जीविका), बिहार द्वारा किया जा रहा है. बताया जाता है कि अन्य राज्यों में छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, लद्दाख, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश, जम्मू काश्मीर, कर्नाटक, असम, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मणिपुर से स्वयं सहायता समूह की महिला उद्यमी, स्वरोजगारी अपने उत्पाद, व्यंजन व शिल्प को लेकर शामिल होंगी.


जागरूकता के लिए नुक्कड़-नाटक का भी होगा आयोजन


29 दिसंबर तक चलने वाले इस सरस मेले में 500 से अधिक स्टॉलों पर शिल्प, कौशल और लोक कला का प्रदर्शन और खरीद-बिक्री होगी. जागरूकता के लिए नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया जाएगा. मेले में प्रतिदिन विषय विशेषज्ञों की उपस्थिति में समसामयिक मुद्दों पर सेमिनार एवं परिचर्चा का भी आयोजन किया जाएगा. मुख्य सांस्कृतिक मंच पर प्रतिदिन प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा लोक गीत, लोक नृत्य, गजल, काव्य पाठ सहित कई मनमोहक प्रस्तुतियां दी जाएंगी.


बताया जाता है कि सुबह 10 बजे से लेकर रात के आठ बजे तक सरस मेला चलेगा. प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा. मेले में बच्चों का भी ख्याल रखा गया है. यहां पालनाघर एवं फन जोन भी लगाया गया है. 15 से 29 दिसंबर तक आप इस सरस मेले का आनंद ले सकते हैं.


यह भी पढ़ें- Bihar Business Connect 2023: 300 कंपनियां करेंगी 50 हजार करोड़ से भी ज्यादा के निवेश, अडानी 10 हजार रोजगार देगी