बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मंत्रिपरिषद विभागों का बंटवारा आज (21 नवंबर) से शुरू होने की संभावना है. राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और 26 नए विधायकों ने कल मंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि अभी तक किसी मंत्री को विभाग आवंटित नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार आज इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है.

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शपथ लेने वाले मंत्रियों में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं. माना जा रहा है कि विभागों का बंटवारा करते समय जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी वर्ग और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व समान रूप से हो. सूत्रों के अनुसार, अब मंत्रियों को उनके अनुभव, कार्यकुशलता और राजनीतिक वजन के आधार पर महत्वपूर्ण मंत्रालयों का आवंटन किया जाएगा.

इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, सड़क और परिवहन जैसे प्रमुख विभाग शामिल हो सकते हैं. विभागों के आवंटन से न केवल सरकार की कार्यप्रणाली प्रभावी होगी, बल्कि जनता की अपेक्षाओं के अनुसार योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन भी संभव होगा.

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जातीय और राजनीतिक संतुलन पर जोर

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बिहार में मंत्रालय बंटवारे में जातीय संतुलन और क्षेत्रीय समीकरण हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं. यह पहल सरकार को व्यापक जनसमर्थन दिलाने के साथ-साथ विपक्षी दलों की आलोचनाओं से बचने में मदद करेगी. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि किस मंत्री को कौन सा विभाग मिलता है और इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है.

नीतीश कुमार ने ली 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ

राज्य में राजनीतिक स्थिरता और विकास को ध्यान में रखते हुए, नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनका अनुभव और सत्तासीन स्थिति इस मंत्रिपरिषद को प्रभावी बनाने में सहायक साबित होगी. मंत्री पद ग्रहण करने वाले नेताओं के लिए विभागों का आवंटन अब उनकी वास्तविक जिम्मेदारी और प्रशासनिक प्रभाव की शुरुआत माना जाएगा.

सरकार की उम्मीदें और जनता की निगाहें

मंत्रियों के विभाग मिलने के बाद जनता की निगाहें इस बात पर टिकेंगी कि सरकार कितनी तेजी और पारदर्शिता के साथ विकास योजनाओं को लागू करती है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सही विभाग और संतुलित बंटवारा राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अहम कदम होगा. बिहार में मंत्रिपरिषद का विभाग बंटवारा आज एक बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक बदलाव की शुरुआत मानी जा रही है, जो राज्य की नई सरकार की प्राथमिकताओं और विकास योजनाओं का संकेत देगा.

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