बिहार में शिक्षक अभ्यर्थियों ने एक बार प्रदर्शन शुरू कर दिया है. गुरुवार (07 अगस्त, 2025) को पटना की सड़कों पर उतरकर सरकार से मांग की कि टीआरई-4 से पहले एसटीईटी का आयोजन हो. प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने कहा कि पिछले करीब डेढ़ साल से एसटीईटी का आयोजन नहीं हुआ है.
अभ्यर्थियों ने साफ कहा कि नीतीश सरकार टीआरई-4 से पहले एसटीईटी ले ले क्योंकि यह कहा गया था कि हर साल एसटीईटी की परीक्षा दो बार ली जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इतना ही नहीं एसटीईटी नहीं होने के कारण तीन लाख से ज्यादा अभ्यर्थी प्रभावित होंगे. एक छात्रा ने कहा कि चुनाव अगर 2025 में होगा तो एसटीईटी 2026 में क्यों? 2025 में ही परीक्षा होनी चाहिए.
जेपी गोलंबर के पास रोके गए छात्र
सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों को पटना के जेपी गोलंबर के पास बैरिकेडिंग कर रोक दिया गया. छात्र आगे बढ़ना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने जाने नहीं दिया. भारी संख्या में सड़क पर उतरे छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. आंदोलन पटना विश्वविद्यालय से छात्रों ने प्रदर्शन शुरू किया था. कारगिल चौक होते हुए आगे बढ़े. इस दौरान जेपी गोलंबर के पास रोका गया.
आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी
बता दें कि चुनावी साल में शिक्षक अभ्यर्थियों को डोमिसाइल की सौगात देने वाली नीतीश सरकार अब साल में दो बार एसटीईटी करवाने के अपने पुराने वादे पर फंस गई है. सैकड़ों की संख्या में सड़क पर उतरे अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो हमारा आंदोलन और तेज होगा. सरकार को एसटीईटी लेना ही होगा.
चुनाव में सबक सिखाने की धमकी
दूसरी ओर इसी साल (2025) बिहार में विधानसभा का चुनाव है तो छात्रों ने सबक सिखाने की धमकी दी. तख्तियों पर लिखा था, एसटीईटी नहीं तो वोट नहीं, एसटीईटी के बिना भर्ती कैसे?, एसटीईटी विज्ञप्ति जारी करो. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार ठगना चाहती है. एसटीईटी कराने में क्या दिक्कत है?
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