विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी एवं अभियंता संघ से जुड़े लोगों ने विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार (10 सितंबर, 2025) को पटना में बीजेपी दफ्तर का घेराव किया. अपनी मांग को लेकर काफी संख्या में ये सभी पहुंचे थे. हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई. 

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प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग बीजेपी के पास है. संजय सरावगी इस विभाग के मंत्री हैं. वे लोग उनसे यहां मिलने के लिए आए हैं ताकी वे अपनी बातों को रख सकें. कहा कि कई दिनों से हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. हम लोगों की कोई सुन नहीं रहा. इसी साल चुनाव है. अगर मांग पूरी नहीं हुई तो एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकेंगे. वोट की चोट देंगे. 

पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हटाया. करीब एक घंटे तक ये सभी बीजेपी दफ्तर को घेर कर बैठे थे. पुलिस लगातार हटने के लिए कह रही थी, लेकिन ये लोग नहीं सुन रहे थे. अंत में पुलिस ने खदेड़कर हटाया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. कुछ प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं.

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क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग?

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पूर्व में धरना सत्याग्रह में बर्खास्त किए गए सभी कर्मियों को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए. विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त पदाधिकारी, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण लिपिक की सेवा 60 वर्ष तक नियमित की जाए. महंगाई भत्ता मिले. मौजा भ्रमण के लिए ईंधन भत्ता एक मुश्त 3000 रुपये मिले. 

इसके अलावा, सभी विशेष सर्वेक्षण कर्मियों को ईएसआईसी (ESIC) कार्ड उपलब्ध कराया जाए, साथ ही ईपीएफओ (EPFO) में सरकार की तरफ से अंशदान प्रदान किया जाए. वेतन वृद्धि पर विचार हो, समकक्ष योग्यता वाले विभिन्न विभाग के कर्मियों की तरह वेतनमान किया जाए. विशेष सर्वेक्षण कर्मी को क्रमश: सहायक अभियंता असैनिक, कनीय अभियंता असैनिक, उच्च वर्गीय लिपिक पद पर नियमित नियुक्ति में प्रतिवर्ष कार्य के लिए पांच अंक की अधिमानता दी जाए. 

बता दें कि चुनावी वर्ष में एक तरफ जहां सरकार लाखों रोजगार देने का वादा कर रही है, लाखों रोजगार अब तक दिए गए यह दावा कर रही है तो दूसरी तरफ इन्हीं मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी भी हो रही है. देखना होगा कि सरकार इनकी मांगों पर क्या विचार करती है.