खगड़िया: जेल में दो गुटों के बीच आपसी संघर्ष में एक कैदी की मौत हो गई है. मृतक कैदी सहरसा जिले का है और बेलदौर थाना इलाके में हुए एक आपराधिक मामले में जेल में बंद था. इधर, मौत के बाद कैदी के परिजन जेल प्रशासन पर मिलीभगत कर हत्या का आरोप लगा रहे हैं. मामला सोमवार की देर रात का है. इस घटना ने मंडल कारा खगड़िया की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है.


जेल क़े अंदर दो गुटों में मारपीट


बताया जाता है कि 20 मार्च की रात जेल के अंदर कैदियों के दो गुटों के बीच एक बार फिर जमकर झड़प हुई थी. विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते जो मारपीट में तब्दील हो गया. मृतक की पहचान सहरसा के सोनवर्षा निवासी राजन कुमार के रूप में हुई है. चार महीने पहले खगड़िया में मोटरसाइकिल छिनतई के एक मामले में पुलिस के दबाब में उसने आत्मसमर्पण कर दिया था, तब से वह जेल में बंद था. राजन की पत्नी जुली के मुताबिक रात में ही जेल में उसके पति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और बात दबाने के लिए उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां मृत घोषित किया गया था. 


चार महीने पहले चोरी के मामले में आया था जेल


मृतक कैदी की पत्नी जूली और अन्य परिजनों के मुताबिक जिस मामले में राजन जेल में बंद था, पुलिस दबिश के कारण उसने आत्मसमर्पण किया था. परिजनों के मुताबिक राजन की सुरक्षा को लेकर ही परिवार वालों ने उसे आत्मसमर्पण के लिए दबाव बनाया था, लेकिन उल्टे जेल प्रशासन और कैदियों की मिलीभगत से उसकी हत्या कर दी गई. मृतक की पत्नी जूली ने बताया कि उसके पिताजी राजन से मिलने आए थे लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें नहीं मिलने दिया और मंगलवार की सुबह सूचना मिली कि राजन की हत्या हो गई है. इस पूरे मामले को लेकर न ही जेल प्रशासन और न ही जिला प्रशासन के अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार हैं.


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