पटनाः हम राम को नहीं मानते हैं, वो आदमी नहीं था, काल्पनिक है वो. मूर्ति पूजते हैं, देवता पूजते हैं इसलिए आस्था वो है. रामायण लिखी गई है, लेकिन उसमें बहुत सी पंक्तियां हैं जो पढ़ने योग्य हैं, समझने योग्य हैं. उसकी भी कहीं-कहीं हमलोग चर्चा करते हैं, लेकिन राम भगवान थे ये हम मानने को तैयार नहीं हैं. यह विवादित बयान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) का है. वे पटना में आयोजित ‘भुइया मिलन समारोह’ में आए लोगों को संबोधित कर रहे थे.

   


जीतन राम मांझी ने कहा- “हमारे भाई लोग जय भीम बोलते हैं, लेकिन माफ कीजिएगा, जय भीम जो बोलते हैं तो हम अंदर-अंदर गुस्सा करते हैं. हमलोग हैं लायक लेकिन बाबा आंबेडकर के नालायक बच्च हैं. वो इसलिए कि हमलोग केवल नाम ले रहे हैं. जय भीम करने में दो बात आई है. सरकार के लिए भी और हमारे लिए भी. 1956 में बाबा आंबेडकर मरने के पहले हिंदू धर्म में नहीं हुए. बौद्ध धर्म में होकर उनकी मृत्यु हुई.”


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पंडितों पर भी की टिप्पणी   


इसी दौरान जीतन राम मांझी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आगे कहा- “माफ कीजिएगा, लेकिन आजकल गरीब तबके के लोगों में धर्म के प्रति लगाव होता जा रहा है. पहले हमलोग सत्यनारायण भगवान पूजा का नाम नहीं जानते थे. आज हर जगह हमलोगों के टोला में सत्यनारायण भगवान की पूजा होता है.” इस दौरान उन्होंने पंडितों को लेकर जिस शब्द का इस्तेमाल किया उसे एबीपी न्यूज लिख भी नहीं सकता है.  


बयान के बाद दी सफाई


इधर, जीतन राम मांझी ने पंडितों को लेकर दिए गए बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा- “वो उन्होंने अपने समाज के लिए विवादित शब्द का इस्तेमाल किया है ना कि पंडितों के लिए. अगर इसमें कहीं किसी को गलतफहमी हो गई हो तो माफी चाहते हैं.”


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