बिहार सरकार में मंत्री और बीजेपी विधायक लखेंद्र कुमार रौशन ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य के जातिगत व्यवस्था को लेकर बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर बंटवारे ने देश को कमजोर किया है. उन्होंने धार्मिक पहचान पर स्पष्टता की कमी के लिए कांग्रेस की आलोचना की.

Continues below advertisement

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने जातिगत व्यवस्था को खत्म करने की वकालत की है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री लखेंद्र कुमार रौशन ने कहा, "मैं रामभद्राचार्य की बातों का समर्थन करता हूं. लंबे समय से जाति व्यवस्था और वर्ण के आधार पर समाज के बंटवारे ने इस देश को कमजोर करने में बड़ी भूमिका निभाई है."

'जातिगत व्यवस्था व्यक्ति को कमजोर करती है'

बाबा साहेब अंबेडकर और एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "ये सिर्फ एक जाति या धर्म के नहीं हैं, बल्कि वे पूरे राष्ट्र के हैं. देश के महान व्यक्तियों ने किसी न किसी जाति में जन्म लिया, लेकिन जब उन्होंने महान काम किए तो वे देश के महान व्यक्ति बने. इसलिए जातिगत व्यवस्था व्यक्ति को कमजोर करती है. इससे राष्ट्र को भी मजबूती नहीं मिलती है."

Continues below advertisement

धार्मिक पहचान पर स्पष्टता की कमी को लेकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर सवाल उठाए. लखेंद्र कुमार रौशन ने कहा, "ये लोग खुलकर नहीं कह सकते कि वे हिंदू या मुसलमान हैं, किस धर्म को मानने वाले लोग हैं. सोनिया गांधी और राहुल गांधी ईमानदारी से यह नहीं बता सकते हैं कि वे किस धर्म को मानने वाले लोग हैं."

इसी बीच, उन्होंने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा, "अयोध्या राम मंदिर आस्था का केंद्र है. इस पर हर देशवासी को गर्व होता है, लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं को इस पर गर्व नहीं है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है."

एसआईआर के विषय पर मंत्री लखेंद्र कुमार रौशन ने कहा, "जब बिहार में एसआईआर प्रक्रिया शुरू हुई, तो विपक्ष ने भ्रम फैलाया. विपक्ष ने दावा किया कि नागरिकता छीन ली जाएगी और वोटर लिस्ट से नाम हटा दिए जाएंगे, लेकिन क्या ऐसा कुछ हुआ? सिर्फ मरे हुए लोगों के नाम हटाए गए और जो दो-तीन जगहों पर रजिस्टर्ड थे, उनके नाम हटाए गए."

यह भी पढ़ें- बिहार में बिछेगा उद्योगों का जाल, नई सरकार बनते ही नीतीश कुमार ने कर दिया ये बड़ा ऐलान