जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद में जिला किशोर न्यायालय ने गुरुवार (04 जनवरी) को एक अनोखा फैसला सुनाया है. जिला किशोर न्याय परिषद जहानाबाद ने स्पेशल पोक्सो एक्ट के एक मामले में आरोपित बालक को सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है. इस आदेश के तहत बालक को तीन महीने तक ट्रैफिक का काम करना होगा. यह अनोखा आदेश जिला किशोर न्याय परिषद जहानाबाद/अरवल की प्रधान दंडाधिकारी निवेदिता कुमारी ने दिया है.


आचरण में सुधार के लिए उठाया गया कदम


दरअसल, यह मामला जहानाबाद जिला किशोर न्याय परिषद से जुड़ा है. किशोर न्याय परिषद की ओर से मखदुमपुर थाने में दर्ज स्पेशल पोक्सो एक्ट के एक लंबित मामले की सुनवाई की गई. इसी दौरान बालक के आचरण में सुधार के लिए यह कदम उठाया गया है. इसके तहत उसे जहानाबाद जिले में तीन महीने तक ट्रैफिक सेवा करने के लिए कहा गया है.


आदेश सुनाने के बाद प्रधान दंडाधिकारी ने स्थानीय पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया है कि उक्त विधि विरुद्ध बालक को ट्रैफिक के संबंध में उचित ट्रेनिंग देकर ट्रैफिक का कार्य कराना सुनिश्चित करें. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि बालक के कार्य की प्रत्येक माह की उपस्थिति विवरणी एवं उसके द्वारा किए गए कार्य की पूर्ण विवरणी हर महीने की अंतिम तारीख को जिला किशोर न्याय परिषद को उपलब्ध कराएं.


सामुदायिक सेवा के दौरान वरुण कुमार गौतम, विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी, जिला किशोर न्याय परिषद, जहानाबाद की ओर से निरीक्षण भी किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उक्त बालक सही तरीके से सामुदायिक सेवा प्रदान कर रहा है. इधर जिला किशोर न्याय परिषद जहानाबाद के फैसले पर अधिवक्ता मुकेश कुमार गौतम ने बताया कि सामुदायिक सेवा कराने के आदेश पीछे कोर्ट का यह उद्देश्य रहा होगा कि आरोपित किशोर को सजा भी मिल जाए और आगे चलकर सामाजिक दायित्व की समझ भी हो सके.


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