सुपौल: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के मिशन 60 (Mission 60) अभियान का सुपौल में असर नहीं दिख रहा है. मामला त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल का है. मंगलवार (27 जून) की शाम करीब सात बजे त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के बाजितपुर परसाही वार्ड नंबर-8 निवासी सुजीत कुमार अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर पहुंचे लेकिन कोई चिकित्सक नहीं मिला.


परिजनों ने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने चेक किया और कह दिया कि यहां उपचार संभव नहीं है. इसे बाहर ले जाइए. हालांकि परिजन चिकित्सक के इंतजार में बैठे रहे. करीब दो घंटे इंतजार के बाद भी कोई डॉक्टर नहीं आया.  महिला मरीज के परिजनों का कहना था कि उन्हें अभी तक अस्पताल से कोई पर्ची नहीं मिली है. इस पर कर्मियों ने यह कह कर बैठाया था कि डॉक्टर साहब के आने के बाद ही पर्ची मिलेगी. नर्स ने सीधे सदर अस्पताल जाने के लिए कह दिया.



बिना डॉक्टर की सलाह के लगा दिया इंजेक्शन


वहीं दूसरा मामला सर्पदंश का है. नीतीश कुमार (40 वर्ष) नाम का एक मरीज अस्पताल पहुंचा. मरीज के भाई रूपेश कुमार ने बताया कि वह रात में करीब 8:15 बजे अस्पताल पहुंचे तो यहां कोई डॉक्टर नहीं मिला. नर्स ने बिना डॉक्टर की सलाह के इंजेक्शन दे दिया और कहा कि तीन घंटे यहीं बैठिए. इसके बाद आगे देखा जाएगा. रूपेश ने कहा कि जब डेढ़-दो घंटे से यहां डॉक्टर है ही नहीं तो मरीज को कौन देखेगा?


अस्पताल के प्रबंधक ने क्या कहा?


अस्पताल में चक्कर लगा रहे प्रबंधक नीरज चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी जवाब देना मुनासिब नहीं समझा. सवालों को सुनकर हंसते रहे. हंसते हुए कहा कि अभी डॉ. सुमन कुमारी की ड्यूटी है अभी के रोस्टर के हिसाब से और यह कहते हुए निकल गए. एक तरफ बिहार के स्वास्थ्य मंत्री बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा करते हैं तो दूसरी ओर सुपौल में पोल खुल रही है.


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