पटना: देश में नS फ्लू (H3N2) के केस बीते 7-8 सप्ताह से बढ़ते देखे जा रहे हैं. इसको लेकर बिहार स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी कर आइसोलेशन वार्ड और आईसीयू तैयार रखना का निर्देश जारी किया गया है. जरूरत पड़ने पर पटना एम्स (Patna AIIMS) में तुरंत 30 बेड के आइसोलेशन वार्ड तैयारी होंगे. पटना एम्स की ओर से सोमवार को इस वायरस के बारे में और बचाव से संबंधित जानकारी दी गई है.


बताया गया कि इन्फ्लूएंजा 'ए' किसी आम फ्लू की ही तरह है और यह दुनिया के सभी हिस्सों में पाया जाता है. भारत में मौसमी फ्लू के दो शीर्ष समय होते हैं जब ये फ्लू ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रभावित करते हैं. ये समय भारत में जनवरी से मार्च एवं मानसून के बाद आता है.


इस वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं


H3N2 इन्फ्लूएंजा के कुछ मरीज देश में पाए गए हैं लेकिन अब तक कोई भी केस एम्स पटना में नहीं आया है. पटना एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि अब तक के अनुभवों के आधार पर ये कोई खतरनाक बीमारी नहीं है. हालांकि कैंसर के मरीजों, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज एवं स्वास्थ्य संबंधी रोगियों में इस इन्फेक्शन के थोड़े ज्यादा गंभीर लक्षण हो सकते हैं. बताया गया कि इस इन्फेक्शन से घबराने की आवश्यकता नहीं है. हाथों की साफ-सफाई, भीड़-भाड़ की जगह पर आपसी दूरी और मास्क पहनना सुरक्षा के लिए अत्यंत कारगर है.


पटना एम्स में है पूरी तैयारी


बताया गया कि एम्स पटना में इस नए वायरस की जांच और तत्काल उपचार के लिए पूरी तैयारी है. आवश्यकता पड़ने पर एम्स पटना में 30 बेड के अलग आइसोलेशन वार्ड को कुछ ही घंटों में तैयार किया जा सकता है. एम्स पटना के सभी बेड आधुनिक सुविधाओं से लैस है और तुरंत उपयोग में लाए जा सकते हैं. यहां सभी प्रकार की जांच की सुविधा, किट्स, दवाइयां व विशेषज्ञ उपलब्ध हैं.


प्रेस विज्ञप्ति एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) गोपाल कृष्ण पाल की ओर से जारी की गई. इस दौरान बताया गया कि चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर (डॉ.) सीएम सिंह, एडिशनल प्रोफेसर एवं फैकल्टी इंचार्ज इन्फेक्शियस डिजीज डॉ. बिनोद कुमार पति एवं एम्स पटना के प्रवक्ता डॉ. श्रीकान्त भारती भी उपस्थित रहे.


यह भी पढ़ें- Bihar Politics: 'महागठबंधन बनने के बाद से फिर हो रही रेड', ED की छापेमारी पर तेजस्वी यादव का केंद्र पर बड़ा आरोप