Bihar News: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन मांझी राम का फिर दर्द छलका है. उन्होंने कहा कि एक रोटी से पेट नहीं भरता है. उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उन्होंने अपनी भागीदारी बढ़ाने की मांग की. बताते चलें कि मांझी लगातार नई सरकार में अपनी भागीदारी को लेकर बयान देते रहे हैं. इसी क्रम में जहानाबाद में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा कि एक रोटी से पेट नहीं भरता है, उन्हें और अधिक हिस्सेदारी चाहिए. मांझी के इस बयान से एक बार फिर बिहार का राजनीतिक पर गर्म हो गया है. मांझी पटना से अपने गांव महकार जाने के क्रम जहानाबाद में पत्रकारों से बात कर रहे थे.


फ्लोर टेस्ट को लेकर किया बड़ा एलान


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "मैं गांव से आता हूं. शहर से मेरा कोई मतलब नहीं रहता है. मैं 43 साल से काम कर रहा हूं. लोगों को मुझसे उम्मीद रहती है कि कुछ काम मैं कर दूं. यदि मुझे कोई मंत्रालय मिल जाए तो और काम हो सकता है. हमेशा मैं एक ही विभाग देखता रहूं ये अच्छा नहीं लगता है....हमारे मन में आती है कि जान बूझ कर हमारे समाज को नजरअंदाज किया जा रहा है. ये कोई रंजिश नहीं है. इसके कारण समर्थन देने और लेने का कोई फर्क नहीं आता है. हम नीतीश कुमार और एनडीए के साथ हैं और रहेंगे. 12 फरवरी को जो फ्लोर टेस्ट होगा उसमें डट कर हम एनडीए का साथ देंगे."


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इससे पहले उन्होंने कहा कि निर्दलीय को मंत्रिमंडल में स्थान भी मिल रहा है और सुनने में आ रहा है कि मनचाहा विभाग भी मिल रहा है. मांझी ने यहां तक कहा कि उन्होंने अपनी मांग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने भी रखी है. महागठबंधन द्वारा सीएम का ऑफर था, लेकिन, मैंने उसे ठुकरा दिया.उन्होंने कहा कि मुझे पैसे और पद का लालच कभी नहीं रहा, जो यह समझते हैं, उन्हें गलतफहमी है. मांझी ने पार्टी से अनिल कुमार सिंह को मंत्री बनाने की मांग उठाते हुए कहा कि ऐसा नहीं करना अन्याय होगा. वह सवर्ण समाज से आते हैं.