पटना में कई गावों में दर्जनों घर बाढ़ के पानी में डूबे, बेबस हुए लोग, NH 30A पर आवागमन ठप होने के कगार पर
Bihar Flood: दनियावां प्रखंड के दर्जनों गांव की स्थिति बद से बेहतर हो गई है. अब ग्रामीण जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. छोटी नदियों में आए उफान से बाढ़ का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है.

पटना जिले के दक्षिणी इलाके दनियावां प्रखंड में फल्गु की सहायक महात्माइन नदी का कहर पिछले तीन दिनों से लगातार जारी है. जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है जिससे प्रखंड के अधिकांश गांव के लोगों को जीना मुश्किल हो गया है और कई कच्चे घर पानी में बह गए हैं, तो कई पक्के घरों में पानी घुस जाने से लोग सड़क पर विस्थापित हो गए हैं.
दर्जनों गांव की स्थिति बद से बेहतर
दनियावां प्रखंड के दर्जनों गांव की स्थिति बद से बेहतर हो गई है. अब ग्रामीण जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. छोटी नदियों में आए उफान से दूसरे दिन भी दनियावां नागरनौसा बिहारशरीफ एनएच 30 A पर होरिल बिगहा पेट्रोल पंप के आगे एक से ढेड़ फिट से अधिक पानी चढ़ गया है. जिससे गाड़ियों का आवागमन दोनों तरफ से रुक रुक कर हो रहा है.
अभी पानी में वृद्धि हो रही है, अगर इसी तरह पानी बढ़ता रहा तो आशंका है कि आज सोमवार को बड़ी गाड़ियों का भी NH पट परिचालन पूरी तरह ठप हो जा सकता है. साथ ही दनियावां जमींदारी बांध पर भी खतरा बरकरार है. वहीं दूसरी और नालंदा जिला के गुलड़िया बिगहा के पास महात्माइन नदी के तटबंध टूटने से दनियावां प्रखंड के सिगरियावां पंचायत के गोपाल टोला मुसहरी पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब गया है, जिससे अनुसूची जाति के दर्जनों मिट्टी के घर पानी में गिर गए हैं.
चार दिनों से इस मुसहरी टोला के सभी लोग गांव के सटे ढलाई सड़क पर अपना आशियाना बनाकर रह रहे हैं. रात में सिगरियावां मध्य विद्यालय के बरामदे में लोग सोकर अपना जीवन बिता रहें हैं. प्रखंड और अंचल से सहयोग के रूप में एक पॉलीथिन और दो दिन का राशन दिया गया उसके बाद दनियावां सीओ ने सहायता नहीं दी, जिससे अनुसूची जाति के इन गरीब लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी देखी गई.
बच्चों का स्कूल जाना भी हुआ मुहाल
वहीं प्रखंड के हारिल बिगहा, हरीनगर और छोटी केवई में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं चार स्कूल दोस्त मोहम्मदपुर उत्क्रमित विद्यालय, होरिल बिगहा और मकसूदुर प्राथमिक विद्यालय पानी में डूब गया है. विकल्प के रूप में शिक्षा विभाग ने बच्चों की पढ़ाई बगल के दूसरे स्कूल में टैग कर कराया जा रहा है.
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Source: IOCL





















