बिहार विधानसभा चुनाव (2025) को लेकर प्रदेश में सियासी बयानबाजी खूब हो रही है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की ओर से कलम बांटे जाने पर अब पूर्व सांसद आनंद मोहन ने उन पर निशाना साधा है. कलम बांटे जाने के तरीके पर सवाल उठाया है. आनंद मोहन बाढ़ में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने आरजेडी नेता पर हमला करते हुए लालू की रैली तक से तुलना कर दी.

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पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा, "कलम लुटाए गए… कलम लुटाने, कलम फेंकने और कलम बांटने में बहुत अंतर है. कलम फेंकना ये अपमान है. अनादर है. ये अनादर कोई साधारण व्यक्ति द्वारा नहीं बल्कि नेता प्रतिपक्ष बिहार द्वारा किया गया है. मैं समझता हूं वे उन्हीं परंपराओं का निर्वहन कर रहे हैं जो कभी गांधी मैदान में उनके पिता जी के समय में तेल पिलावन लाठी घूमावन रैली की गई थी."

क्या है पूरा मामला?

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 'बिहार अधिकार यात्रा' के दौरान 17 सितंबर को मोकामा में लोगों के बीच कलम बांटा था. जिस बस से वे यात्रा पर निकले थे उसी के ऊपर चढ़कर उन्होंने भीड़ में कलम को फेंका था. इसी को लेकर सवाल उठाया जा रहा है कि ये अपमान है. तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप ने भी कहा था कि कलम बांटने और फेंकने में अंतर है. कलम को फेंका नहीं जाता उसको सिर से लगाया जाता है. तेज प्रताप ने कहा था कि तेजस्वी यादव कलम फेंक रहे थे. कभी भी फेंकना नहीं चाहिए. अब पूर्व सांसद आनंद मोहन ने हमला बोला है.

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कलम बांटने के पीछे तेजस्वी का अपना तर्क था. उन्होंने लोगों से कहा था, "मोकामा में लोग बंदूक बांटने का काम करते हैं, तेजस्वी मोकामा में कलम बांटने का काम करेगा. तेजस्वी नई राजनीति की शुरुआत करेगा. जब सरकार बनेगी तो हर किसी को जिसके पास डिग्री होगी उसको तेजस्वी नौकरी देगा." बता दें कि मोकामा बाहुबली अनंत सिंह का क्षेत्र है. अभी उनकी पत्नी नीलम देवी यहां से विधायक हैं. तेजस्वी कलम की बंदूक से तुलना कर लोगों की आंखें खोलना चाहते थे. हालांकि तरीके के चलते वे निशाने पर आ गए हैं.

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