बिहार के 'सिंघम' नाम से मशहूर पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे का चुनावी आगाज उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा. 2025 के विधानसभा चुनाव में दो सीटों से अपनी किस्मत आजमाने उतरे लांडे को जनता का 'क्रेज' तो मिला, लेकिन यह 'क्रेज' वोटों में तब्दील नहीं हो पाया. उन्हें अररिया और जमालपुर, दोनों ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है.
अपनी दबंग पुलिसिंग के लिए मशहूर लांडे जब चुनावी मैदान में उतरे, तो माना जा रहा था कि उनकी लोकप्रियता एक बड़े वोट बैंक में तब्दील होगी, लेकिन चुनावी नतीजे इसके ठीक विपरीत आए हैं.
अररिया में चौथे स्थान पर
अररिया विधानसभा सीट पर शिवदीप लांडे मुकाबले में काफी पीछे छूट गए. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वह यहां चौथे स्थान पर रहे. उन्हें विजेता उम्मीदवार से 87,000 से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
जमालपुर में भी नहीं चला 'सिंघम' का जादू
कुछ ऐसी ही तस्वीर जमालपुर विधानसभा सीट पर भी देखने को मिली. यहां शिवदीप लांडे तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 81,000 वोटों के भारी अंतर से हार मिली.
लोकप्रियता वोटों में नहीं हुई तब्दील
गौरतलब है कि शिवदीप लांडे जब बिहार में आईपीएस अधिकारी के तौर पर कार्यरत थे, तब अपनी 'दबंग' और 'सिंघम' शैली की कार्यप्रणाली के कारण वे पूरे प्रदेश में, खासकर युवाओं के बीच, बेहद लोकप्रिय हो गए थे. उनके चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा थी.
हालांकि, ये चुनाव परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि एक प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर मिली लोकप्रियता को चुनावी जीत में तब्दील करना एक बड़ी चुनौती साबित हुई और जनता का 'क्रेज' वोटिंग मशीन तक नहीं पहुंच पाया.