बिहार में 6 और 11 नवंबर को 243 सीटों पर हुए विधानसभा चुनावों की मतगणना जारी है. राज्य के 46 मतगणना केंद्रों पर शुक्रवार सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो गई है और इस बार 2615 उम्मीदवारों ने इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई है. हालांकि अभी तक के रूझानों ने महागठबंधन की टेंशन को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है. जहां एनडीए 161 सीटों पर आगे है तो वहीं महागठबंधन की हवा फिलहाल 68 सीटों पर ही चल रही है. अब कहा ये भी जा रहा है कि आरजेडी ने जिन सहयोगी दलों पर भरोसा दिखाया वो कुछ खास कमाल नहीं कर पाए.
आरजेडी के काम नहीं आए ये सहयोगी दल?
अभी तक के रूझानों में अगर बात की जाए महागठबंधन की तो 70 के अंदर अंदर ही सीटों पर वो आगे चल रहे हैं. लेकिन इसमें भी सबसे ज्यादा सीटें आरजेडी की है. महागठबंधन में तेजस्वी का भरोसा माने जा रहे कांग्रेस, वीआईपी, लेफ्ट, आईआईपी कोई खास जादू नहीं कर पाए. ताजा रुझानों में आरजेडी 50 सीटों पर आगे है तो वहीं कांग्रेस केवल 12 सीटों पर ही आगे चल रही है. बाकी सहयोगी दलों का तो इससे भी बुरा हाल है. वीआईपी 01 पर तो वहीं लेफ्ट 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. लेकिन बात की जाए आईआईपी की तो उसका तो अभी तक खाता भी नहीं खुला है.
नीतीश के सहयोगी भी पिछड़े!
वहीं एनडीए गठबंधन भले ही बढ़त में हो लेकिन जदयू इस इलेक्शन में सबसे बड़ी पार्टी बनती नजर आ रही है. हालांकि बीजेपी भी जदयू से ज्यादा पीछे नहीं है लेकिन बाकी सहयोगी दलों का हाल बुरा दिखाई दे रहा है. एलजेपी 14 पर बढ़त बनाए हुए है तो वहीं हम 3 पर और आरएलएम 1 ही सीट पर अभी तक अपना जादू बिखेरती दिखाई दे रही है.
जनसुराज भी है मैदान में
आपको ये भी बताते चलें कि बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज के 238 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इसके अलावा अन्य दल भी इस चुनाव में हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) के 83 उम्मीदवार, बीएसपी (BSP) के 181 और निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या 926 है.
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