बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना शुरू हो चुकी है और 243 सीटों के नतीजों को लेकर पूरे राज्य में उत्सुकता है. एनडीए और महागठबंधन दोनों ही तरफ से जीत के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जिन सीटों पर सभी की नजर टिकी है, उनमें मोकामा सबसे ऊपर है. यहां का मुकाबला सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि साख और प्रभाव का भी खेल बन चुका है. शुरुआती रुझान में बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह आगे चल रहे हैं. बता दें दुलारचंद यादव की हत्या केस में अनंत सिंह अभी जेल में हैं.

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मोकामा का सबसे बड़ा सवाल, कौन जीतेगा?

मोकामा सीट पर इस बार 3 बड़े चेहरे मैदान में हैं. बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह, आरजेडी समर्थित उम्मीदवार वीणा देवी और जन सुराज के पीयूष प्रियदर्शी. लेकिन असली संघर्ष अनंत सिंह और वीणा देवी के बीच माना जा रहा है.

यह सीट इस बार और भी चर्चा में इसलिए रही क्योंकि चुनाव के दौरान ही इलाके के दबंग माने जाने वाले दुलारचंद यादव की हत्या हो गई. इस मामले में नाम आने के बाद अनंत सिंह जेल में हैं, लेकिन जेल में होने के बावजूद उनके समर्थक पूरी मजबूती से जीत का दावा कर रहे हैं.

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अनंत सिंह के घर पूरी सजावट, कार्यकर्ताओं की भीड़

भले ही अनंत सिंह जेल में हैं, लेकिन उनके घर का माहौल चुनावी उत्साह से भरा हुआ है. पूरा घर सजाकर तैयार रखा गया है और उनके समर्थक रात से ही वहां जुटने लगे थे.

अनंत सिंह के करीबियों का कहना है कि “नेता जी जहां भी हों, जनता का प्यार उनके साथ है. इस बार भी जीत पक्की है.” उनके समर्थक लगातार टीवी और मोबाइल पर रुझानों का इंतजार कर रहे हैं.

वीणा देवी के घर जश्न की तैयारी, लिट्टी-चोखा से लेकर रसगुल्ले तक

आरजेडी समर्थित उम्मीदवार और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी भी अपनी जीत को लेकर काफी आत्मविश्वास से भरी दिखाई दे रही हैं. उनके घर पर सुबह से ही जश्न की तैयारियां जोरों पर हैं. लिट्टी-चोखा, रसगुल्ला और अन्य पकवान बनाए जा रहे हैं. परिवार और समर्थकों का कहना है कि वे आराम से बढ़त हासिल करेंगी और परिणाम उनके पक्ष में ही आएगा.

30 अक्टूबर की घटना चुनाव का माहौल बदला

30 अक्टूबर को टाल इलाके के बसावन चक गांव के पास प्रचार के दौरान अनंत सिंह और जन सुराज समर्थकों के बीच वाहन साइड देने को लेकर झड़प हो गई थी. इसी झड़प के बाद दुलारचंद यादव की हत्या हो गई. 

इस हत्याकांड में नाम आने के बाद अनंत सिंह को जेल जाना पड़ा. वीणा देवी ने इस मुद्दे को लगातार जनता के बीच उठाया, वहीं अनंत सिंह के समर्थक इसे साजिश बता रहे हैं.