बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद, प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने दरभंगा विधानसभा सीट पर ईवीएम में गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक विस्तृत पोस्ट लिखकर दावा किया है कि EVM के बटन क्रमांक में 'ऊपर से' फेरबदल किया गया ताकि उनके वोट सीधे बीजेपी उम्मीदवार को ट्रांसफर किए जा सकें.

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पुष्पम प्रिया ने अपने पोस्ट में पूरी प्रक्रिया का जिक्र करते हुए लिखा, "दरभंगा में नामांकन के बाद स्थानीय स्तर पर हमें बताया गया कि EVM में महागठबंधन के उमेश सहनी का क्रमांक 6, मेरा (पुष्पम प्रिया) 7 और जनसुराज के आर के मिश्रा का 8 नंबर बटन होगा. पर 24 घंटे के अंदर उसे 'ऊपर से' बदलकर 5, 6, 7 कर दिया गया."

'वोट ट्रांसफर करने में हुई तकनीकी चूक'

उन्होंने आरोप लगाया कि यह फेरबदल एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था, जिसमें एक तकनीकी चूक हो गई. उन्होंने दावा किया, "मशीन में शायद तय किया जा चुका था कि 6 नंबर के वोट नंबर 2 पर संजय सरावगी (बीजेपी) को ट्रांसफ़र करने हैं. पर महागठबंधन को 6 नंबर पर रखने से भंडाफोड़ हो जाता. यह जल्दबाज़ी में इनकी पहली तकनीकी चूक थी."

'नतीजे राजनीतिक और सांख्यिकीय रूप से असंभव'

पुष्पम प्रिया चौधरी ने अपने गृह नगर दरभंगा में मिले वोटों को "राजनीतिक व सांख्यिकीय दोनों रूप से असंभव" बताया है. उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसे हो सकता है कि उन्हें "अपने हज़ारों नाते-रिश्तेदारों वाले होमटाउन दरभंगा में छोटे-छोटे निर्दलीयों से भी कम वोट" मिलें? उन्होंने आगे आरोप लगाया कि "मुस्लिम वोटरों वाले बूथ पर रिकॉर्ड वोट बीजेपी उम्मीदवार को मिल जाना" भी इस गड़बड़ी की ओर इशारा करता है.

'बीजेपी के एजेंट भी थे हतप्रभ'

चौधरी ने यहां तक दावा किया कि मतगणना के दौरान बीजेपी उम्मीदवार के अपने काउंटिंग एजेंट भी नतीजों से हतप्रभ थे कि जहां से कभी वोट नहीं आया वहां वोट कैसे आ रहा है?

उन्होंने अपने पोस्ट के अंत में चेतावनी देते हुए लिखा, "पर नियति ने इस बार तय कर लिया है कि इनका पर्दाफ़ाश कर ही देना है. इस बार इन्होंने इतनी गलती की है और मेरे पास हर बूथ पर इतने सबूत हैं कि इनका पोल खुलना तय है." पुष्पम प्रिया के इन गंभीर आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है.