बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद अब सभी की निगाहें 14 नवंबर की मतगणना पर टिक गई हैं. दोनों ही एनडीए और महागठबंधन अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. बहुमत का जादुई आंकडा छूने के लिए 122 सीटें चाहिए. मंगलवार (11 नवंबर) को दूसरे चरण के मतदान निपटने के बाद ज्यादातर एग्जिट पोल एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं. जबकि कई सीटों पर कांटे की टक्कर भी है. अंतिम नतीजे 14 नवंबर को ही आएंगे.
बिहार के खगड़िया जिले में कुल चार विधानसभाएं हैं, जिसमें एबीपी लाइव ने स्थानीय पत्रकारों की राय जानी और उनके मुताबिक किस सीट पर क्या समीकरण और किस उम्मीदवार के जीत के चांस है. ज्यादातर पत्रकारों ने चार में से इन सीटें एनडीए को जाती हुईं बताई हैं, जबकि एक सीट पर महागठबंधन की जीत होती दिख रही है.
खगड़िया की 4 सीटों का पार्टीवार बंटवारा-
- जदयू: 3 सीटें - राजद: 1 सीट
परबत्ता सबसे हॉट सीट बनी
खगड़िया जिले वरिष्ठ पत्रकार आशीष कुमार झा, दिग्विजय कुमार, बिक्रम कुमार, हितेश कुमार कि मानें तो खागड़िया मे महागठबंधन एक मात्र सीट पर कामयाब होते दिख रही है. खगड़िया जिले की सबसे हॉट सीट परबत्ता रही है. यहां महागठबंधन के उम्मीदवार डॉ. संजीव कुमार 2020 के चुनाव में जदयू से विजयी हुए थे लेकिन इस बार वो राजद के टिकट से चुनावी मैदान में हैं.
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शुरुआती रुझानों से पता चल रहा था कि संजीव कुमार इस बार विधानसभा नहीं पहुंच पाएंगे, लेकिन उनकी स्थिति मजबूत होती गई. इसबार भी उनका सामना पुराने प्रतिद्वंद्वी लोजपा के बाबू लाल शौर्य से ही हुआ. ऐसा देखा जा रहा था कि जदयू, लोजपा और बीजेपी तीनों एक साथ हैं तो बाबू लाल शौर्य बाज़ी मार लेंगे, मगर अंत मे संजीव कुमार यहां से बाज़ी मारते हुए नज़र आ रहे हैं.
बेलदौर JDU के कब्जे में
बेलदौर से जदयु ने एक बार फिर पन्ना लाल पटेल को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने मिथिलेश प्रसाद निषाद पर अपना भरोसा जताया. हालांकि दोनो के बीच कांटे की टक्कर नज़र आ रही है. NDA के द्वारा घोषित योजना कुछ न कुछ यहां असर दिखाते नज़र आ रही है. फिर भी स्थानीय पत्रकारों की बात हम करें तो इन सभी सीटों पर NDA अंत में जीत का दावा करेगी और जीत हासिल करते नज़र आएगी.
खगड़िया सदर पर एनडीए भारी-अलौली में कांटे की टक्कर
खगड़िया सदर से कांग्रेस ने चंदन यादव को अपना प्रत्याशी बनाया तो NDA बब्लू मंडल को जदयु से लड़ाया. यहां से JDU को बढ़त मिलने की उम्मीद है.
अलौली (सु) की बात करें तो यहां दलचस्प मुकाबला होते नज़र आ रही है. हालांकि प्रशांत किशोर की टीम यहां कोई खास असर अपना नहीं दिखाते नज़र आ रही है. अलौली क्षेत्र से ऐसे भी त्रिकोणीय मुकाबला नज़र आ रही है. कांग्रेस राम वृक्ष सदा को जहां अपना उम्मीदवार बनाया तो जदयु अपना उम्मीदवार राम चन्द्र सदा पर दांव लगाया है.
आमने सामने की टक्कर मे पशुपति पारस के उम्मीदवार भी इस मैदान मे लड़ते नज़र आ रहे हैँ. यहां से पशुपति पारस के पुत्र यश राज भी मैदान में हैं. जहाँ आमने-सामने की टक्कर को त्रिकोणीय मुकबला बना दिया है. हालांकि जीत का सेहरा जदयु के तरफ ही जाने की उम्मीद है.
जीत के कारणों में सरकार की महिलाओं के खाते में राशि और तमाम लाभकारी योजनाएं भारी हैं. सभी पत्रकारों की राय का निष्कर्ष कुल चार में से तीन सीट एनडीए के खाते में जाती दिख रहीं हैं, जबकि महागठबंधन को मात्र एक सीट ही कन्फर्म अभी दिख रही है.