बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान ईवीएम की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करना कुछ लोगों को महंगा पड़ गया. आरा, गोपालगंज और सारण जिलों में ऐसे 4 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. अधिकारियों ने शुक्रवार (7 नवंबर) को इसकी जानकारी दी.

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चुनाव आयोग के नियम साफ कहते हैं कि मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाना या वोटिंग प्रक्रिया की तस्वीरें खींचना सख्त मना है. इसके बावजूद कुछ लोगों ने ईवीएम की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिए. यह कदम न केवल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि कानूनी तौर पर भी अपराध माना जाता है.

अधिकारियों के मुताबिक, गोपालगंज में दो लोगों पर और आरा व सारण में एक-एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया है. तीनों जिलों में मतदान गुरुवार को पहले चरण के तहत हुआ था.

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पुलिस ने शुरू की जांच

पुलिस ने बताया कि अब यह जांच की जा रही है कि ये लोग मोबाइल फोन लेकर मतदान केंद्र के अंदर तक कैसे पहुंचे. मतदान केंद्रों के भीतर मोबाइल ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित होता है.

सारण पुलिस ने बताया कि 6 नवंबर की सुबह करीब 10:15 बजे सोशल मीडिया की निगरानी के दौरान कुछ अकाउंट्स से चुनाव से जुड़ी भ्रामक और अनुचित पोस्ट सामने आईं. इनमें से एक वीडियो में एक व्यक्ति को एक राजनीतिक दल के पक्ष में वोट डालते हुए दिखाया गया था.

पुलिस का कहना है कि इस तरह की पोस्ट चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है. इसे सरकारी कार्य में बाधा और विधि-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश माना जाता है. सारण साइबर थाना ने संबंधित अकाउंट धारकों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.

आम लोगों से अपील

पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि मतदान के दौरान किसी भी तरह का वीडियो या फोटो सोशल मीडिया पर साझा न करें. इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होती है और कानूनन सजा भी हो सकती है. सारण पुलिस ने चेतावनी दी है कि अगर कोई व्यक्ति ऐसे नियमों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.