पटना: अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव की परिपाटी को अब बिहार में भी लागू कराना चाहते हैं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव. आरजेडी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा है कि जिस तरह अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के पहले खुले मंच पर बहस होती है उसी तर्ज पर बिहार के मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष के साथ खुले मंच पर बहस करें और उसी तर्ज पर मुख्यमंत्री पद का चयन हो.




तेजस्वी ने कहा,अमेरिकन अंदाज़ में हो बिहार चुनाव




बिहार विधान सभा चुनाव के पहले राजनीतिक उथल पुथल के बीच एक नया जुमला सामने आया. अमेरिकन अंदाज़ में बिहार चुनाव में नयी परम्परा के पक्षधर तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी खुले मंच पर बहस की चुनौती और कहा हम चाहते हैं कि बिहार में एक नई परंपरा शुरू की जाए किसी भी विषय पर किसी भी मुद्दे जिस भी मुद्दे पर मुख्यमंत्री चाहें खुले मंच पर डिबेट करें. मुख्यमंत्री के उम्मीदवारों के बीच हो बहस और जो जीते उसके सर हो मुख्यमंत्री का ताज.




तेजस्वी के ऑफर को बीजेपी की चुनौती



नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के इस बयान पर तंज कसते हुए केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि तेजस्वी जी हमेशा ऐसी बातें बोलते हैं अगर उनको लगता है हर मंच से उनको जवाब दिया जाता है बाकी के लिए मैं जवाब देता हूं कि जिस मंच पर वह चाहे हर चीज के सवाल जवाब के उत्तर के लिए मैं उनको चुनौती देता हूं मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं हमारे मुख्यमंत्री के उम्मीदवार नीतीश कुमार हैं लेकिन उनसे पहले तेजस्वी हमसे जीत कर दिखाएं. तेजस्वी जी केवल भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.आज 10 लाख लोगों को नौकरी देने की बात कह रहे हैं 15 वर्ष के शासनकाल में कितनी नौकरी मिली.साढ़े छ लाख से ज्यादा नौकरी देने वाले नीतीश कुमार हैं. आत्मनिर्भर बिहार के साथ आत्मनिर्भर भारत का जो संकल्प है. जो 15 साल में नहीं कर सकता वह 1 दिन में क्या करेगा. नौकरियां अगर लाखों लोगों को मिलेंगी तो वह एनडीए सरकार से संभव है. चुनाव में हार की स्थिति को देखकर हतास हो इस तरह की बातें कर रहे हैं तेजस्वी.



तेजस्वी के पक्ष में कांग्रेस हुआ मुखर



तेजस्वी को बीजेपी द्वारा दिए गए जवाब पर बचाव में उतर आई महागठबंधन की उनकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस. कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति गोहिल ने कहा कि 15 साल क्या कम वक़्त होता है. बीजेपी के एक हाथ में चिराग है और दूसरे हाथ में ओवैसी नाम का पेट्रोल है, जिस चिराग से भाजपा अपना घर रोशन करना चाहती है उसी चिराग से वह नीतीश कुमार का घर जलाना चाहते हैं.जहां तक बहस की बात है तो कौन करेगा बहस गिरिराज सिंह! बहस करना हीं चाहते हैं नित्यानंद जी तो मेरे किसी भी कार्यकर्ता से आकर बहस कर लें, हार मिलेगी उनको.