पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आरा के पूर्व सांसद भाजपा नेता राजकुमार सिंह ने रविवार (2 नवंबर) को सुपौल में एक निजी कार्यक्रम शामिल हुए. उन्होंने इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मोकामा से अनंत सिंह की गिरफ्तारी को पूरी तरह से सही और संतोषजनक कार्रवाई बताया. उन्होंने कहा कि चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था की रक्षा के लिए ऐसी सख्त कार्रवाई आवश्यक है.

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राजकुमार सिंह ने कहा कि यह प्रशासन और चुनाव आयोग दोनों की गंभीर नाकामी थी कि एक व्यक्ति 30 से 40 गाड़ियों के काफिले और हथियारों के साथ खुलेआम घूम रहा था. यह आचार संहिता का खुला उल्लंघन था. उन्होंने कहा कि इस मामले में जब कार्रवाई हुई तो SDO, DSP और SHO तक को निलंबित करना पड़ा, जिससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार इस बार कानून व्यवस्था को लेकर सख्त रुख में है.

राजनीति में अपराधियों की भागीदारी लोकतंत्र के लिए खतरा- राजकुमार सिंह

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब तक अराजकता और अपराध पर सख्ती से रोक नहीं लगाई जाएगी, तब तक लोकतंत्र की जड़ें कमजोर होंगी. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजनीति में अपराधियों की भागीदारी लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि आज वही नेता राजनीति के अपराधीकरण की बात करते हैं, जो खुद अपराधियों को टिकट देते हैं. जब राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति के लिए अपराधियों को उम्मीदवार बनाते हैं, तो यह लोकतंत्र का अपमान है.

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अपराधी प्रवृत्ति के उम्मीदवार को न दें वोट- पूर्व मंत्री

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बेबाक अंदाज में कहा कि मैं सही बात बोलता हूं और जोर से बोलता हूं. मुझे किसी कार्रवाई का डर नहीं है. जनता को भी अब समझना होगा कि अगर किसी दल का उम्मीदवार अपराधी प्रवृत्ति का है, तो उसे वोट न दें. उन्होंने अपील कि चाहे वह किसी भी पार्टी से हो, यहां तक कि भाजपा से ही क्यों न हो, अगर कोई प्रत्याशी अपराधी है तो उसे वोट न दें, बल्कि नोटा का विकल्प चुनें.

बिहार में कानून व्यवस्था पर हो सख्ती- राजकुमार सिंह

राजकुमार सिंह के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. क्योंकि उन्होंने न केवल विपक्ष पर, बल्कि अपनी ही पार्टी के संदर्भ में भी सख्त टिप्पणी की है. उनके इस बयान को बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और कानून-व्यवस्था पर एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने अंत में कहा कि बिहार को यदि सच्चे अर्थों में विकास की राह पर लाना है, तो राजनीति को अपराधमुक्त करना ही सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए.