बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गौरा बौराम सीट पर महागठबंधन में हुए सीट बंटवारे के उलझनों का असर साफ नजर आ रहा है. इस सीट पर अब RJD और VIP के बीच सीधा मुकाबला होगा. VIP के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी यहां उम्मीदवार हैं, जबकि RJD ने अपनी ओर से अफजल अली को उम्मीदवार बनाया है.

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महागठबंधन में सीट बंटवारा फाइनल होने से पहले RJD ने अफजल अली को अपनी पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया और लालटेन चुनाव चिन्ह दिया. इसके बाद VIP और RJD के बीच आपसी समझौता हुआ और गौरा बौराम की सीट VIP को देने का निर्णय लिया गया. इसके बावजूद अफजल अली ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया.

अफजल अली का नामांकन रद्द करने के लिए RJD ने आयोग को लिखा पत्र

निर्वाचन आयोग को RJD ने पत्र लिखकर कहा कि अब VIP के उम्मीदवार संतोष सहनी यहां से महागठबंधन का अधिकृत उम्मीदवार हैं, इसलिए अफजल अली का नामांकन रद्द न किया जाए. चुनाव नियमों के अनुसार, आवेदन पर विचार न किया गया और इसलिए तकनीकी रूप से अफजल अली अब भी RJD का अधिकृत उम्मीदवार माने जाएंगे. इसका मतलब यह हुआ कि तेजस्वी यादव को अपने ही पार्टी के चुनाव चिन्ह 'लालटेन' के खिलाफ वोट मांगना पड़ सकता है, जबकि VIP का चुनाव चिन्ह नाव रहेगा.

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उम्मीदवार ने सिंबल वापस करने से किया इनकार

यह मामला पहले लोकसभा चुनावों में राजस्थान की बांसवाड़ा सीट पर भी देखा गया था. तब कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार को समर्थन देने का निर्णय लिया, लेकिन उम्मीदवार ने सिंबल वापस करने से इनकार कर दिया. परिणामस्वरूप उम्मीदवार को पार्टी के खिलाफ प्रचार करना पड़ा और उन्हें हजारों वोट मिले.

सीट पर RJD और VIP आमने-सामने लड़ेंगे चुनाव

गौरा बौराम में भी यही स्थिति बन गई है. अफजल अली नामांकन लेकर मैदान में खड़े हैं, जबकि VIP के संतोष सहनी को महागठबंधन का समर्थन मिला है. इस सीट पर RJD और VIP दोनों अपने वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के मामले महागठबंधन में बैठकों और आपसी सहमति की जटिलताओं को उजागर करते हैं. यह देखना रोचक होगा कि अफजल अली के रहते हुए RJD समर्थक किसे वोट देंगे और VIP के उम्मीदवार संतोष सहनी कितने वोट जुटा पाएंगे. इस सीट पर मुकाबला न केवल तकनीकी रूप से बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद दिलचस्प होने वाला है.