बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के लिए आज (6 नवंबर) मतदान जारी है. इस चरण में 121 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है, जिनमें मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं. यह चरण इसलिए अहम है क्योंकि यहीं से राज्य की सियासी हवा का रुख तय होता है.

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2020 विधानसभा चुनाव में बराबरी की टक्कर

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण की 121 सीटों पर NDA और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. इन सीटों में NDA ने कुल 59 सीटें जीती थीं जिनमें BJP को 32 और JDU को 23 सीटें मिली थीं. वहीं महागठबंधन ने 61 सीटों पर जीत दर्ज की थी जिनमें RJD को 42, कांग्रेस को 8 और वामदलों को 11 सीटें मिली थीं. वोट शेयर के लिहाज से महागठबंधन लगभग 38.1% के साथ सबसे आगे रहा था जबकि NDA को करीब 36.3% वोट मिले थे.

2024 लोकसभा चुनाव में NDA की वापसी

2024 के लोकसभा चुनावों ने इन 121 विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों के रुझान को पूरी तरह बदल दिया. इन्हीं विधानसभा क्षेत्रों में NDA को भारी बढ़त मिली और उसने 95 सीटों पर बढ़त बनाई. इसमें BJP को 41, JDU को 29 और अन्य NDA दलों को 25 क्षेत्रों में जीत मिली.

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वहीं, महागठबंधन महज 25 विधानसभा क्षेत्रों में सिमट गया जिसमें RJD ने 16, कांग्रेस ने 7 और वामदलों ने केवल 2 क्षेत्र जीते. वोट शेयर में भी NDA ने बड़ी छलांग लगाई और लगभग 49.2% वोट हासिल किए जबकि महागठबंधन का हिस्सा घटकर 21.5% पर पहुंच गया.

2025 के चुनाव में क्या बदलेगा समीकरण?

2020 में लगभग बराबर की स्थिति और 2024 में NDA की भारी बढ़त के बाद अब 2025 के विधानसभा चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या NDA इस बढ़त को कायम रख पाएगा या महागठबंधन वापसी करेगा. बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे और नेताओं की विश्वसनीयता अब भी सबसे बड़ा फैक्टर बने हुए हैं. पहले चरण के परिणाम इस बात का संकेत देंगे कि जनता किस दिशा में मन बना चुकी है, विकास के एजेंडे पर या फिर परिवर्तन की चाह में.